मोदी कैबिनेट में कृषि और किसानों के कल्याण को लेकर लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले, मंडी के जरिए किसानों को 1 लाख करोड़

नई दिल्ली | गुरुवार को नई मोदी कैबिनेट की पहली बैठक हुई. जिसमें स्वास्थ्य से लेकर कृषि और किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई. वर्चुअल बैठक में कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए 23 हजार करोड़ रुपए के नए इमरजेंसी पैकेज को मंजूरी दी गई. कैबिनेट बैठक में कृषि, किसानों और मंडियों को सशक्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए.

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मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि और किसानों को लेकर लिए गए तमाम महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी देने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सामने आए. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मोदी सरकार ने बीते 7 वर्षों से किसानों के हित में अनेकों फैसले लिए‌ है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की प्राथमिकता कृषि क्षेत्र है. केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को लेकर भी नरेंद्र तोमर ने बात रखी.

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केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि नारियल एक्ट में संशोधन किया जाएगा. दुनियाभर में नारियल कारोबार बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. इसके साथ ही, नारियल बोर्ड में सीईओ की नियुक्ति होगी, जोकि गैर शासकीय व्यक्ति होगा. उन्होंने कहा कि APMC मंडियों को और मजबूत किया जाएगा. कृषि मंडियों को संसाधन देंगे. उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले से किसानों की आय बढ़ेगी.

तोमर ने कहा कि बजट में भारत सरकार ने घोषणा किया था कि 1 लाख करोड़ रुपए के इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड में APMC भी पात्र होगी. आज मंत्रीपरिषद बैठक में ये निर्णय लिया गया कि मंडी समिति भी 1 लाख करोड़ रुपए इन्फ्रास्ट्रक्चर के पात्र होगी. वहीं इस योजना का लाभ ब्याज में छूट और लोन के लिए ले सकती हैं.

आगे जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने नए कृषि कानूनों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से अपना आंदोलन खत्म करने की अपील की. मोदी सरकार लगातार किसानों के लिए क़दम उठती आई है. मैं आंदोलन करने वाले किसानों से कहना चाहता हूं कि बार-बार जो कहा जाता है कि नए कृषि क़ानून से मंडियां ख़त्म होगी. लेकिन बजट में साफ़ कहा गया कि मंडियां ख़त्म नहीं होंगी बल्कि और मजबूत होंगी. आज निर्णय लिया गया कि एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का इस्तेमाल एपीएमसी भी कर सकेंगे.

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कैबिनेट बैठक में सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के बारे में बताते हुए तोमर ने कहा कि यदि व्यक्ति एक से अधिक परियोजना (अधिकतम सीमा 25 और ये परियोजना अलग-अलग स्थान पर करना होगा) करेगा तो हर परियोजना पर अलग-अलग 2 करोड़ रुपये तक ब्याज पर छूट और गारंटी की पात्रता रहेगी. कृषि मंत्री द्वारा स्पष्ट करते हुए कहा गया कि राज्य सरकार की एजेंसियों पर ये लागू नहीं होगा वो 25 से अधिक परियोजना बना सकते हैं. मंडी के मामले में ये भी निर्णय लिया गया है कि कृषि उपज मंडी में एक से अधिक परियोजनाएं किसानों के लिए बनाई जाएंगी तो उन्हें भी ये पात्रता मिलेगी.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल द्वारा ‘‘कृषि बुनियादी ढांचा कोष’’ के अंतर्गत वित्तपोषण सुविधा का केंद्रीय क्षेत्र योजना में संशोधन किए जाने संबंधी फैसलों को किसानों के हित में महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इससे मंडियां सशक्त होंगी. बैठक के बाद ट्वीट करके कहा, “आज कैबिनेट की बैठक में कृषि और किसानों के कल्याण को लेकर महत्वपूर्ण फैसले किए गए हैं. मंडियों को सशक्त करने के लिए कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के उपयोग के साथ-साथ लोन पर ब्याज में छूट की व्यवस्था भी की गई है.”

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