नई दिल्ली | दिल्ली मेट्रो से सफर करने वाले लोगों के लिए एक गुड न्यूज़ है. आने वाले कुछ सालों में उनका यह सफर और भी आसान होने जा रहा है. अगले तीन साल में मेट्रो फेज-4 के तीन कॉरिडोर बन जाने के बाद यात्रा में लगने वाला समय एक चौथाई तक कम हो जाएगा. सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट दिल्ली (CRRI) और नेशनल इंस्टीट्यूट एंड टेक्नोलॉजी, कर्नाटक (NIT) ने दिल्ली मेट्रो के 2021 के डाटा के साथ अध्ययन किया है.
अध्ययन के दौरान दिल्ली मेट्रो नेटवर्क को 360 इंटरनल जोन जबकि आठ एक्सटर्नल जोन में बांटा गया था. इसके अलावा आवासीय, व्यावसायिक इलाकों से कुल 5100 सैंपल लिए गए थे. इसकी रिपोर्ट के अनुसार, सुविधा और कनेक्टिविटी के चलते मेट्रो से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या का आंकड़ा बढ़ रहा है. अभी जो यह आंकड़ा पांच प्रतिशत है , आगे चलकर यह करीब 14 प्रतिशत हो जाएगा.
रिपोर्ट के अनुसार, सफर के दौरान घनी आबादी वाले क्षेत्र में करीब एक चौथाई और पूरे नेटवर्क पर औसतन समय में 17.73 प्रतिशत की कमी आएगी. बता दें कि मेट्रो फेज-4 में तीन नए कॉरिडोर का निर्माण कार्य जारी है, जिसमें करीब 65.20 किलोमीटर लंबी नई लाइन बिछाई जा रही है. घनी आबादी वाले क्षेत्र में तुगलकाबाद, भजनपुरा, सोनिया विहार, बुराड़ी, नबी करीम, सदर बाजार सीधे मेट्रो नेटवर्क से जुड़ेंगे.
ऐसे समझिए कैसे कम समय लगेगा
मौजपुर से मुकुंदपुर के बीच 12 किलोमीटर का कॉरिडोर बनने से उत्तरी दिल्ली जाने का समय एक घंटे से घटकर आधा घंटा रह जाएगा. यात्री मौजपुर से सीधे उत्तरी और पश्चिमी दिल्ली का सफर तय कर सकेंगे. इसी तरह पिंक लाइन से वाया मयूर विहार सीधे नोएडा जा सकेंगे. अभी फरीदाबाद से एयरोसिटी (एयरपोर्ट) जाना होता है तो वायलेट लाइन से कालका जी जाना पड़ता हैं और वहां से मजेंटा लाइन लेकर एयरपोर्ट जाते हैं. मगर नए कॉरिडोर के बाद तुगलकाबाद से एयरोसिटी (सिल्वर लाइन) पर इंटरचेंज कर सीधे एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे.
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