नई दिल्ली | केंद्र सरकार के लिए जुलाई का महीना काफी खास रहा. वहीं अब अगस्त का महीना भी सरकार के लिए कई मायनों में खास है. जुलाई माह कि बात करें तो सरकार ने इस माह एक साथ 5 मोर्चों पर बेहतर कमाई की है. इस खुशखबरी के बाद उम्मीद है कि इस घोर महंगाई के बीच अर्थव्यवस्था को दौड़ाने में बड़ी मदद मिलेगी. जीडीपी ग्रोथ को एक साथ बड़ी मदद मिलेगी. TV9 भारतवर्ष से मिली जानकारी के अनुसार, इन मोर्चों की बात करें तो इसमें जीएसटी कलेक्शन, 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी, मैन्युफैक्चरिंग में तेजी, रुपये की मजबूती और आईटीआर की बढ़ी संख्या शामिल हैं. आइए इनके बारे में जानते हैं.
5जी की नीलामी से सरकार को मिला फायदा
5जी की नीलामी में सरकार की झोली में 1.5 लाख करोड़ रुपये आए हैं. इसकी उम्मीद सरकार ने भी नहीं की थी. सरकार का अनुमान था कि 5जी नीलामी से सरकार को 80,000 करोड़ से 1 लाख करोड़ तक की कमाई होगी, लेकिन मोबाइल कंपनियों ने नीलामी की रकम को 1.5 लाख करोड़ से भी अधिक पहुंचा दिया. सरकार को मिले इस फायदे के बाद अब सरकार स्पेट्रम आवंटन में लग गई है.
जीएसटी कलेक्शन ने भी बनाया रिकॉर्ड
आर्थिक सुधार और टैक्स चोरी को रोकने के लिए किए गए उपायों के कारण जुलाई में जीएसटी कलेक्शन 28 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया. जिसके बाद जुलाई के जीएसटी कलेक्शन में 1,16,393 करोड़ रुपए का कलेक्शन हुआ था. वित्त मंत्रालय की मानें तो जुलाई, 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से यह दूसरा सबसे बड़ा मंथली कलेक्शन है. इससे पहले अप्रैल, 2022 का 1.68 लाख करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ था.
ITR ने भी बनाया नया रिकॉर्ड
इस बार इनकम टैक्स रिटर्न में भी नया रिकॉर्ड बनाया है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 31 जुलाई, 2022 तक 5.83 करोड़ आईटीआर भरे गए हैं. हालांकि शुरुआत में आईटीआर भरने की गति धीमी थी, लेकिन डेडलाइन पास आते ही यह गति बढ़ती चली गई. आपको जानकर हैरानी होगी की 72 लाख से अधिक आईटीआर अंतिम तारीख यानी रविवार को एक दिन में भरे गए थे.
देश की अर्थव्यस्था पर पड़ रहा था गलत असर
गौरतलब है कि रुपया डॉलर से पीछे था, जिससे देश की अर्थव्यस्था पर गलत असर पड़ रहा था, लेकिन कई दिनों से रुपया डॉलर के आगे पड़ता जा रहा है. इससे सरकार को कुछ राहत मिली है. करेंसी एक्सचेंज बाजार में मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 41 पैसे की तेजी के साथ 78.65 (अस्थायी) के भाव पर बंद हुआ है.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आई तेजी
देश में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की गतिविधियां उच्च स्तर पर पहुंच गईं हैं. एसएंडपी ग्लोबल इंडिया का पीएमआई जून में 53.9 से बढ़कर जुलाई में 56.4 हो गया. यह आठ महीनों का उच्चतम स्तर है. पीएमआई की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब बढ़ोतरी होता है, जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन या सिकुड़ाव को दर्शाता है. वहीं पिछले नवंबर के बाद से प्रोडक्शन में सबसे तेज गति से विस्तार देखने को मिला है.
डिस्क्लेमर: आंकड़े व विवरण TV9 भारतवर्ष से मिली जानकारी के अनुसार लिखा गया है.
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