नई दिल्ली । देशभर में कोरोना महामारी ने ऐसी तबाही मचाई कि लाखों लोगों की नौकरियां चली गई. दूसरी ओर रोजमर्रा की जरूरतों की वस्तुओं के दाम लगातार आसमान छू रहे हैं. पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की कीमतों के साथ-साथ सरसों तेल की कीमत ने आमजन की जेब पर डाका डालने का काम किया है. इसी बीच अगर आप सरसों तेल के खरीदार हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत मायने रखती है. सरसों तेल की कीमत में कुछ गिरावट देखने को मिली है.
नई कीमत के मुताबिक सरसों का तेल 160-170 रुपए प्रति किलो के बीच बेचा जा रहा है. जिसको देखते हुए ग्राहकों के पास खरीदारी का अच्छा मौका है. वहीं सामान्य कारोबार के बीच सोयाबीन तेल,सीपीओ, पामोलीन बाकी सभी तेल तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बंद हुए. उच्चतम स्तर से सरसों तेल की कीमतों में करीब 30 रुपए की गिरावट दर्ज हुई है.
सूत्रों के मुताबिक सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा कि अपनी खाद्य तेल जरुरतों के लिए 65% आयात पर निर्भर देश के व्यापारियों और आयातकों को बेपड़ता भाव पर तेल की बिक्री क्यों करनी पड़ रही है. उन्होंने लागत से कम भाव पर बिक्री करने की बाध्यता पर गौर करने का सरकार से अनुरोध किया. हालांकि पिछले सीजन में अच्छा भाव मिलने की वजह से राजस्थान, हरियाणा जैसे सरसों बहुलता राज्यों में सरसों की फसल का रकबा इस बार बढ़ा है जो सरकार के लिए संतोषजनक है.
- सरसों तेल दादरी- 16,600 रुपये प्रति क्विंटल
- सरसों पक्की घानी- 2,265 -2,590 रुपये प्रति टिन
- सरसों कच्ची घानी- 2,645 – 2,755 रुपये प्रति टिन
- तिल तेल मिल डिलिवरी – 16,700 – 18,200 रुपये
- सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,780 रुपये