पीएम मोदी की पहल पर केंद्रीय विद्यालयों से कोटा राज खत्म, Admission से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी

नई दिल्ली | केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए मोदी सरकार ने इनमें लागू कोटा प्रथा को लगभग समाप्त कर दिया है. इस फैसले के तहत जो कोटे खत्म किए गए है, उनमें सांसदों, शिक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों, केंद्रीय विद्यालयों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों और स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सहित प्रवेश से जुड़े करीब दर्जन भर कोटे शामिल है. इसके साथ ही, केंद्रीय विद्यालयों में इस कोटे से हर साल भरी जाने वाली करीब चालीस हजार सीटें भी मुक्त हो गई है. इनमें अकेले करीब आठ हजार सीटें सांसदों की सिफारिश से भरी जाती थी. प्रत्येक सांसद को दस सीटों का कोटा दिया गया था.

PM Modi

विशेष बात यह है कि केंद्रीय विद्यालयों में विशेष कोटे से भरी जाने वाली यह सीटें इन स्कूलों में निर्धारित क्षमता के अतिरिक्त होती थी तो ऐसे में जाहिर सी बात है कि इस प्रवेश से केंद्रीय विद्यालयों की गुणवत्ता सहित छात्र – शिक्षण अनुपात सहित कई तरह के मानक भी प्रभावित हो रहे थे. हालांकि इस स्थिति के बाद भी यह मामला सांसदों सहित मंत्रालय आदि से जुड़ा होने की वजह से कोई भी इसमें हाथ डालने का जोखिम नहीं उठा रहा था.

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सबसे पहले शिक्षा मंत्री ने अपने कोटे को खुद किया खत्म

पीएम मोदी ने इसमें दखलअंदाजी करते हुए कोटे की इस प्रथा को समाप्त करने का साहसिक कदम उठाया. इसके बाद सबसे पहले शिक्षा मंत्री ने खुद अपने कोटे को खत्म किया और पिछले साल ही अपने कोटे से एक भी एडमिशन नहीं दिया. पीएम की इस पहल और शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद केवीएस ने पिछले दिनों ही इस कोटे पर रोक लगा थी.

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प्रतिभाशाली बच्चों सहित कोविड में अनाथ बच्चों का कोटा बरकरार

केवीएस ने इस बीच खेल, स्काउट गाइड व फाइन- आर्ट जैसी विधाओं से जुड़े प्रतिभाशाली बच्चों, एक बालिका और वीरता व बालश्री पुरस्कार प्राप्त बच्चों के प्रवेश से जुड़े कोटे को बरकरार रखा है. इसके साथ ही कोरोना में अनाथ हुए बच्चों और कश्मीरी विस्थापितों के बच्चों के लिए दाखिले में विशेष रियायत जारी रखने का भी फैसला लिया है.

कश्मीरी विस्थापितों के बच्चों को एडमिशन के लिए तीस दिन का ज्यादा समय देने सहित उनकी उनका Cutoff एससी- एसटी बच्चों के बराबर रखने का प्रावधान किया गया है. नई गाइडलाइन में पैरा-मिलिट्री फोर्स से जुड़े बी और सी श्रेणी के कर्मचारियों के बच्चों के लिए पचास सीटें आरक्षित की गई है. अभी तक इन्हें इन विद्यालयों में एडमिशन के समय कोई रियायत नहीं मिलती थी.

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वहीं कोविड-19 महामारी से अनाथ हुए बच्चों को पीएम केयर योजना के तहत एडमिशन दिया जाएगा. इसके तहत जिला कलेक्टर की सिफारिश पर किसी भी स्कूल में ऐसे दस बच्चों को और एक कक्षा दो बच्चों को एडमिशन देने का प्रावधान किया गया है. इन बच्चों को पहली से लेकर बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी.

संशोधित गाइडलाइन जारी

केवीएस द्वारा जारी संशोधित गाइडलाइन के तहत जो कोटा खत्म किया गया है, उनमें सांसदों, शिक्षा मंत्रालय के कर्मचारियों, केंद्रीय विद्यालय के सेवानिवृत्त कर्मचारियों, प्रायोजित एजेंसियां,स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, जिसमें जिला कलेक्टरों या फिर ऐसी एजेंसियों के प्रमुख जो स्कूल के निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराते है, के अतिरिक्त राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों आदि के कोटे को खत्म किया गया है.

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