नई दिल्ली | पूरे देश में नीट परीक्षा रिजल्ट (Neet Exam 2024) का मामला गरमाया हुआ है. नीट में धांधली को लेकर देशभर में छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है और वे परीक्षा रद्द करने की मांग पर अड़े हुए है. देश भर में छात्र इसके विरुद्ध आंदोलन कर रहें है. पूरे देश में 5 मई को 4,750 केंद्रों पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा हुई थी. इसमें 24 लाख विद्यार्थी शामिल हुए थे. इसके परिणाम 14 जून को आने थे, मगर 4 जून को ही घोषित कर दिए गए. उसी दिन आम चुनावों के नतीजे भी जारी हुए थे.
शिक्षा मंत्री ने किया स्वीकार
ऐसे में आरोप है कि यह पेपर बिहार में लीक हुए और देशभर में परीक्षा में अनियमितताएं हुई. पूरे देश में छात्रों और विपक्ष की चौरतरफा आलोचना के बाद अंतत: 4 दिन बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यह स्वीकार किया कि नीट यूजी 2024 में कुछ जगहों पर गड़बड़ हुई है.
प्रधान ने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) में सुधार की जरूरत है. इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि नीट धांधली में अगर आयोजक संस्था NTA का कोई अधिकारी लिप्त हुआ, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा. इससे पहले शिक्षा मंत्री नीट में धांधली और पेपर लीक के आरोपों को झुठलाते रहें थे तथा एनटीए के कामकाज को बिल्कुल पारदर्शी बता रहे थे.
अभ्यर्थियों की फिर से परीक्षा कराने के आदेश
धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को कहा, नीट- यूजी 2024 में दो प्रकार के मुद्दे देखने को मिले थे. पहला, छह केंद्रों पर परीक्षा में अभ्यर्थियों को कम समय मिलने परग्रेस मार्क्स देने का था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत, 1,563 अभ्यर्थियों की फिर से परीक्षा कराने के आदेश दिए गए हैं. जो अभ्यर्थी परीक्षा नहीं देना चाहते हैं, उनके मार्कशीट से ग्रेस मार्क्स हटा दिए जाएंगे. इसके बाद, फिर से मेरिट जारी होगी.
दूसरा मुद्दा यह है कि कुछ स्थानों पर गड़बड़ी लग रही है. इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, मैं छात्रों को आश्वस्त करता हूं कि सरकार इसके लिए पूरी तरह से गंभीर है. तथा हम सभी मुद्दों को निर्णायक स्थिति तक पहुंचाएंगे.
नहीं बचेगा कोई भी दोषी
गड़बड़ी की जानकारी भी सुप्रीम कोर्ट के सामने लाई जाएगी. अदालत का जो भी आदेश होगा, उसे स्वीकार किया जाएगा और उसके अनुसार काम होगा. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होगी और कोई भी दोषी बचेगा नहीं.
इस बारे में बात करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर कहा कि जब मैं 2014 और 2019 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण की स्थायी संसदीय समिति का सदस्य था, तब नीट का समर्थन किया, लेकिन तमिलनाडु के सांसदों ने सवाल उठाया था कि नीट से सिर्फ सीबीएसई के विद्यार्थियों को लाभ होता है, अन्य शिक्षा बोर्ड के छात्रों को नहीं. मुझे लगता है कि सीबीएसई के मुद्दे का उचित विश्लेषण की आवश्यकता है.
विपक्ष ने बोला हमला
वहीं, विपक्ष की तरफ से हमला बोलते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि योग्यता के पैमाने के रूप में नीट एक घोटाला है. केंद्र इसका बचाव करना बंद करे. यह छात्रों, सामाजिक न्याय और गरीबों के विरुद्ध है. नीट पर चल रहे विवाद इसकी मौलिक रूप से असमान प्रकृति को जाहिर करते है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री के बचाव के बाद भी हाल की घटनाएं एनटीए की एक अलग तस्वीर पेश कर रही है.
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