नई दिल्ली | जबसे नीट का रिजल्ट प्रकाशित हुआ है एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. नीट (NEET) रिजल्ट आने के बाद से ही विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आज एनटीए महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. पीसी क़े दौरान उन्होंने कहा कि पूरी पारदर्शिता के साथ परीक्षा परिणाम जारी किया गया है. शिक्षकों का कहना है कि हमने जो सवाल उठाये हैं उनके जवाब नहीं मिल रहे हैं.
सुबोध कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि “हमारी समिति ने बैठक की और उन्होंने केंद्रों और सीसीटीवी के सभी विवरणों की स्टडी भी की है. इस दौरान उन्हें पता चला कि कुछ केंद्रों पर समय बर्बाद किया गया और छात्रों को इसके लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए. समिति ने सोचा कि वे शिकायतों को दूर कर सकते हैं और छात्रों को मुआवजा दे सकते हैं. ऐसे में कुछ छात्रों के अंक बढ़ा दिए गए. इसकी वजह से कुछ छात्रों की चिंताएँ सामने आईं क्योंकि कुछ उम्मीदवारों को 718 और 719 अंक मिले और 6 उम्मीदवार टॉपर बन गए.
पारदर्शी माध्यम से हुई पूरी परीक्षा प्रक्रिया
हमने सभी चीजों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया और रिजल्ट जारी किया. 4750 केंद्रों में से, मात्र 6 केंद्रों पर यह समस्या थी और 24 लाख छात्रों में से केवल 1600 छात्रों को इस समस्या का सामना करना पड़ा. कोई पेपर लीक नहीं हुआ. पूरी परीक्षा प्रक्रिया बिल्कुल पारदर्शी रही.” प्रशिक्षक सुबोध सिंह की इस टिप्पणी से संतुष्ट नहीं है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस से कुछ भी नहीं हो रहा साफ
जानी मानी बायोलॉजी टीचर गरिमा गोयल ने पीसी के बाद एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं. गरिमा गोयल का कहना है कि “प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जो सफाई दी गई है उसे कुछ भी साफ नहीं हो रहा है. बच्चों व शिक्षकों द्वारा लगातार मांग उठाई जा रही है कि नीट परीक्षा को फिर से कराया जाए या फिर रिजल्ट की काउंटिंग फिर से हो मगर NTA इसे मानने को तैयार ही नहीं है. उनकी डिमांड है कहीं कहीं काउंसलिंग की प्रकिया भी शुरु की जा चुकी है, उसे तत्काल रोका जाए”. ऐसे में रिजल्ट आने के बाद नीट परीक्षा पर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
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