नई दिल्ली | दिल्ली से मुंबई जाने वालों के लिए बड़ी खबर है. लंबे समय से इंतजार कर रहे दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस-वे के सोहना से दौसा खंड का उद्घाटन जल्द ही होने वाला है. मिली जानकारी के मुताबिक, हरियाणा और राजस्थान के बीच कॉरिडोर अगले साल जनवरी में शुरू होने जा रहा है. ट्रायल रन के तुरंत बाद इसे आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. यह 1,350 किमी लंबे दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर 8 लेन एक्सप्रेस-वे का पहला चरण है जो 210 किमी में बना है.
दिल्ली- दौसा कॉरिडोर दिल्ली- मुंबई कॉरिडोर का एक हिस्सा है. इस पर काफी तेजी से काम चल रहा है. सोहना से दौसा तक एक बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है. लगभग 210 किलोमीटर के इस खंड में सभी आवश्यक कार्य पूरे कर लिए गए हैं. शुरुआती ट्रायल भी हो चुका है. बस सरकार के फैसले का इंतजार है. इसके बाद इस कॉरिडोर को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा.
मुंबई दिल्ली एक्सप्रेस-वे मार्ग हरियाणा (129 किमी), राजस्थान (373 किमी), मध्य प्रदेश (244 किमी), गुजरात (426 किमी) और महाराष्ट्र (171 किमी) सहित पांच राज्यों से होकर गुजरेगा. इन पांच राज्यों में दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए 15,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि का उपयोग किया गया है. यह एलिवेटेड कॉरिडोर कालिंदी कुंज से दिल्ली में सराय-ए-कालेखां होते हुए मीठापुर तक बनाया जा रहा है.
कॉरिडोर से होगा ये फायदा
वाहनों की आवाजाही की बात करें तो फिलहाल जयपुर समेत आगरा एनएच से गुजरने वाले वाहनों को दिल्ली जाने में चार की जगह दो घंटे का समय लगेगा. इससे वाहनों को 40 किलोमीटर कम सफर तय करना पड़ेगा. आमतौर पर एनएच के किसी भी बड़े प्रोजेक्ट की बात करें तो करीब 10 से 15 साल में सड़क में छोटी-मोटी खराबी आनी शुरू हो जाती है. इस कॉरिडोर को जर्मन तकनीक से बनाया जा रहा है.
50 साल तक सड़क पर नहीं आएगी कोई खराबी
दावा किया जा रहा है कि अगले 50 साल तक सड़क में कोई खराबी नहीं आएगी. इसके लिए जर्मनी से भी कुछ सामग्री मंगवाई गई है. इस तकनीक को स्टोन मैट्रिक्स डामर कहा जाता है. इस तकनीक में फाइबर जैसे मोटे दानों का इस्तेमाल होने का दावा किया जा रहा है. इसमें बड़े-बड़े दाने, क्रिस्टल या गुच्छे जड़े होते हैं. यह उच्च तापमान को सहन करने के साथ- साथ लोडिंग वाहनों को भी झेलने की क्षमता रखता है.
जानें क्या है दिल्ली मुंबई कॉरिडोर
दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात से होकर गुजरने वाले दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस-वे से दिल्ली से मुंबई का सफर महज 12 से 13 घंटे में पूरा हो जाएगा. दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होने के बाद अन्य सड़क मार्गों की तुलना में दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी 130 किमी कम हो जाएगी.
यह आठ लेन का एक्सप्रेस-वे दुनिया का पहला सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे है जिसे बारह लेन तक बढ़ाया जा सकता है. दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस-वे मार्ग की आधारशिला केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 9 मार्च 2019 को रखी थी. दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण की लागत लगभग 1,00,000 करोड़ रुपये है, जिसमें जमीन खरीदने की लागत भी शामिल है.
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