नई दिल्ली | केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा को बताया कि 2024 तक देश में 26 ग्रीन एक्सप्रेसवे बनाए जाएंगे जिससे यात्रा के समय में काफी कमी आएगी. उन्होंने कहा कि अगले तीन साल में भारत में सड़कों का बुनियादी ढांचा अमेरिका जैसा हो जाएगा. ग्रीन एक्सप्रेस वे बनने से दिल्ली से देहरादून, हरिद्वार, जयपुर का सफर महज 2 घंटे में तय किया जा सकेगा.
कांग्रेस सांसद की बात का दिया जवाब
नितिन गडकरी कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला के प्रश्नकाल के दौरान एनएचएआई की फंड की उपलब्धता पर सवाल का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा, ‘सरकार 26 ग्रीन एक्सप्रेसवे बना रही है. 2024 तक भारत में सड़कों का इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका जैसा हो जाएगा. धन की कोई कमी नहीं है, हम देश में सड़क के बुनियादी ढांचे का चेहरा बदलने के लिए प्रतिबद्ध हैं. धन की उपलब्धता पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि NHAI हर साल 5 लाख करोड़ रुपये की सड़कें बना सकता है.
1.6 लाख करोड़ रुपये की मुद्रीकरण योजना गडकरी ने कहा कि केंद्र द्वारा हाल ही में घोषित राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक चार वर्षों में कुल संपत्ति मुद्रीकरण योजना 6 लाख करोड़ रुपये होगी.1.6 लाख करोड़ रुपये की अधिकतम हिस्सेदारी परिचालन राजमार्गों की मुद्रीकरण योजना से है. एनएमपी में 26,700 किलोमीटर के चार लेन वाले राजमार्ग भी शामिल हैं. उन्होंने कहा, बजट अनुमान 2022-23 के तहत सड़क मंत्रालय का कुल बजटीय परिव्यय 1,99,107.71 करोड़ रुपये है. इसके अलावा, NHAI ने विशेष प्रयोजन कोष (SPV) से 15,000 करोड़ रुपये और निजी क्षेत्र की भागीदारी से 30,000 करोड़ रुपये जुटाने की परिकल्पना की है.
एक अलग सवाल का जवाब देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि गुजरात, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, जम्मू और कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश ने पुष्टि की है कि वे उच्च जोखिम वाले और उच्च घनत्व वाले गलियारों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर उपयुक्त इलेक्ट्रॉनिक प्रवर्तन उपकरण सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं. मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों और उसके तहत जारी अधिसूचना का पालन करना. उन्होंने कहा, बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है.
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