नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ( EWS )की पहचान के लिए मौजूदा वार्षिक आय सीमा ₹800000 के साथ जारी रखने का फैसला किया है. बता दे कि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दायर किया गया. इसमें केंद्र ने बताया कि मापदंडों के पूर्व मूल्यांकन के लिए सरकार द्वारा गठित समिति ने सुझाव दिया है कि मौजूदा मापदंडों को इस साल की काउंसलिंग और प्रवेश के लिए जारी रखा जा सकता है.
इस साल नहीं होगा EWS कोटा नियमों में बदलाव
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने बताया कि वह ₹800000 तक की आय वर्ग वाले अभ्यर्थियों को NEET कोर्स में दाखिला देना चाहती है. सुप्रीम कोर्ट में शनिवार को दायर एक हलफनामे में केंद्र सरकार ने समिति की एक रिपोर्ट की प्रति भी संलग्न की. वहीं केंद्र सरकार ने समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला किया. इसमें नए मापदंडों को संभावित रूप से लागू करने की सिफारिश भी शामिल है. बता दे कि पूर्व वित्त सचिव अजय भूषण पांडे, सदस्य सचिव आईसीएसएसआर वीके मल्होत्रा और प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल की 3 सदस्य समिति द्वारा 31 दिसंबर को केंद्र को रिपोर्ट सौंपी गई थी.
वहीं केंद्र सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में समिति ने बताया कि मौजूदा वार्षिक आय ₹800000 का मानदण्ड अधिक समावेशी नहीं है. केंद्र सरकार ने इसी कमेटी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोर्ट इसे कम से कम इस साल के लिए मंजूरी दे दे, ताकि दाखिले के लिए काउंसलिंग शुरू की जाए. साथ ही केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि अगले सत्र से ईडब्ल्यूएस के मापदंडों में बदलाव किया जा सकता है, इस मामले पर 6 जनवरी को सुनवाई होनी है. वहीं सरकार ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ को बताया कि याचिका दाखिल होने के बाद कोर्ट ने उन पर सुनवाई करते हुए, काउंसलिंग पर रोक लगा रखी है. इसलिए अब मौजूदा नियम, शर्त और मापदंडों पर काउंसलिंग की इजाजत दी जाए.
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