क्या रेलवे का होगा निजीकरण? जानिए रेल मंत्री ने क्या कहा

नई दिल्ली ।केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे (Indian Railway) के निजीकरण को लेकर मोदी सरकार (Narendra Modi) की स्थिति स्पष्ट की है. ‘रेल मंडपम’ पेरम्बूर में भारतीय रेलवे मजदूर संघ (बीआरएमएस) के 20वें अखिल भारतीय सम्मेलन का डिजिटल तरीके से उद्घाटन करते हुए रेलमंत्री वैष्णव ने कहा कि तकनीक वंदे भारत एक्सप्रेस में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) के योगदान की तरह स्वदेशी होनी चाहिए और इस क्षेत्र को आगे ले जाने की सख्त जरूरत है.

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RAIL TRAIN

रेल मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की रेलवे का निजीकरण करने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि यात्रियों की आकांक्षाओं को पूरा करने, खासकर सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के नजरिए से रेलवे में नवीनतम तकनीक अपनाने की बहुत जरूरत है.

क्या हैं योजना

वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) को केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ (Make In India)पहल के तहत पेरम्बूर में आईसीएफ द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है. रेल मंत्री ने कहा कि विपक्षी पार्टियां रेलवे के निजीकरण के बेबुनियाद आरोप लगाकर जनता को गुमराह कर रही है. मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि रेलवे एक बड़ा जटिल संगठन है…रेलवे के निजीकरण की कोई नीति नहीं है,ऐसी कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि रेलवे की बेहतरी के लिए केन्द्र सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है और इस दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं.

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रेलवे में भर्ती प्रक्रिया को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने रेलवे में 3.5 लाख पदों को भरा और 1.40 लाख पदों पर भर्ती के लिए कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा, मैं यह सुनिश्चित करने के लिए 15 दिनों में एक बार भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा कर रहा हूं कि कहीं भी इसमें अड़चन ना आए. बहुत जल्द खाली पड़े पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

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