नई दिल्ली | चाइनीज ऐप्स के बैन होने के बाद अब भारत में चीनी स्मार्टफोन कंपनियों के कुछ मोबाइल फोन पर भी बैन लगाने की तैयारी शुरु हो चुकी है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत जल्द ही चीनी स्मार्टफोन कंपनियों के ऐसे स्मार्टफोन पर बैन लगा सकता है, जिनकी कीमत 12,000 रुपए (150 डॉलर) से कम है. सरकार के इस कदम से लोकल मैन्युफैक्चरर्स को बढ़ावा मिलेगा.
इस फैसले से अगर किसी को सबसे ज्यादा नुकसान होगा, तो वह ‘शाओमी’ को लगेगा, क्योंकि बजट स्मार्टफोन बेचने में यह नंबर 1 कंपनी है. इसके बाद आईटेल, टेक्नो और इन्फिनिक्स जैसे सस्ते फोन बनाने वाली ट्रांससियन के मार्केट पर भी इस फैसले से असर पड़ सकता है. गौरतलब है कि, चीनी कंपनियों के आने से लावा और माइक्रोमैक्स जैसी घरेलू कंपनियों के स्मार्टफोन की बिक्री पर बुरा असर पड़ा था.
एपल और सैमसंग है सेफ
रिपोर्ट के अनुसार, एपल और सैमसंग जैसी कंपनियों पर इस फैसले का कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि इनकी कीमतें ज्यादा हैं. हालांकि, जब इस बारे में शाओमी, रियलमी और ट्रांससियन से पूछा गया तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया. वही भारत के IT मिनिस्ट्री के प्रवक्ताओं ने भी ब्लूमबर्ग न्यूज की पूछताछ पर कोई जवाब नहीं दिया है.
चीन में लॉकडाउन के वक्त भारत में खूब बिके थे फोन
गौरतलब है कि, शाओमी और रियलमी जैसी कंपनियों ने चीन में लॉकडाउन के बाद से भारत में काफी ग्रोथ की है. चीन में कोरोना के चलते फोन्स की मांग लगभग खत्म हो गई थी, जिस कारण भारत में इसकी ग्रोथ हुई थी.
चीनी मोबाइल कंपनियों पर ED का छापा
वीवो के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने 5 जुलाई को वीवो और इससे जुड़ी फर्मों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच को लेकर कई राज्यों में 44 जगहों पर छापेमारी की थी. छापेमारी के बाद ही कंपनी के डायरेक्टर झेंगशेन ओउ और झांग जी देश से भाग गए थे. चीनी मोबाइल कंपनियों पर रॉयल्टी के नाम पर देश से बाहर पैसा भेजने और टैक्स चोरी का आरोप लगा था. अप्रैल में फेमा उल्लंघन के आरोप में चीनी मोबाइल कंपनी शाओमी की 5,551 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की गई थी. कंपनी पर अपनी कमाई को गैरकानूनी तरीके से भारत से बाहर भेजने का आरोप था.
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