नई दिल्ली | वर्तमान में आपको ग्रेजुएशन करने के लिए 3 साल लगते हैं, लेकिन आगे आने वाले समय में यह बदल सकता है. दरअसल, UGC चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि अब छात्रों के लिए 2 वर्ष में डिग्री प्रोग्राम पूरा करने की योजना तैयार कर रहा है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) अगले साल के एकेडमिक सेशन (2025- 26) से छात्रों को तीन साल के डिग्री कोर्स को ढाई साल में और 4 साल के डिग्री कोर्स को 3 साल में पूरा करने की मंजूरी देने वाला है.
कम समय में पूरे होंगे डिग्री प्रोग्राम
UGC अध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के इंप्लीमेंटेशन को लेकर हो रहे कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुँचे थे. इस कार्यक्रम के दौरान उन्होने कहा कि आयोग छात्रों को अपनी स्पीड से पढ़ाई करने का अवसर प्रदान करेगा. यदि कोई छात्र 3 साल की डिग्री को 4 साल में करना चाहता है, तो उसे इसकी भी अनुमति दी जाएगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि जो छात्र सक्षम हैं, वे आने वाले सालों में कम वक़्त में डिग्री कार्यक्रम पूरा कर सकते हैं.
दिए जाएंगे कई एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स
यूजीसी अध्यक्ष कुमार ने बताया कि उन्हें छह महीने से एक साल का समय मिल सकता है. इसके साथ, उन्होंने ये भी कहा कि यदि कोई डिग्री ऐसी है जो धीमी स्पीड से आगे बढ़ रही है और विद्यार्थी ने उसे चुन लिया है तो यह डिग्री चुनने के बावजूद यदि कोई छात्र चाहे, तो वह अभी भी पाठ्यक्रम से ब्रेक ले सकता है. बाद में वापस आकर इसे पूरा कर सकता है, क्योंकि पाठ्यक्रमों में कई प्रवेश और एग्जिट प्वाइंट दिए जाएंगे. इस प्रकार से ग्रेजुएशन कोर्स को UGC की तरफ से काफ़ी फ्लेक्सिबल बनाने का प्रयास किया जा रहा है.
कमजोर स्टूडेंट बढ़ा पाएंगे ग्रेजुएशन प्रोग्राम का वक्त
हर सब्जेक्ट से ग्रेजुएशन कर रहे छात्र को इस पॉलिसी से फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. यदि छात्र 2 साल में क्रेडिट स्कोर पूरा कर लेते हैं, तो उन्हें डिग्री के लिए 3 या 5 वर्ष तक डिग्री के पढ़ाई में कमजोर स्टूडेंट्स अपने ग्रेजुएशन प्रोग्राम का समय बढ़ाकर 5 साल तक कर सकते हैं.
हायर एजुकेशन सिस्टम को आसान बनाना उद्देश्य
अब छात्रों की चॉइस होगी कि उन्हें डिग्री को पूरा करने के लिए कितना वक़्त लेना है. समय सीमा सेलेक्ट करने के बाद आगे जाकर इसे बदला भी जा सकता है. यदि छात्र को लगता है कि इसकी डिग्री उसके द्वारा चुने गए समय से पहले या बाद में पूरी होगी, तो वह उसे बदल भी सकता है. इसके पीछे UGC का उद्देश्य है कि हायर एजुकेशन सिस्टम आसान हो सके, ताकि ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स उच्चतर शिक्षा प्राप्त कर पाए.
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