नई दिल्ली | अंतराष्ट्रीय स्तर पर बाजारों में हो रहे उतार चढ़ाव का असर भारतीय बाजारों पर भी देखा जा सकता है. फिलहाल अंतराष्ट्रीय तेलों की कीमतों में थोड़ी कमी आने से और भारत सरकार के लगातार हस्तक्षेप करते रहने का फायदा उपभोगताओं को अब मिलने वाला है. क्योंकि रोज की दिनचर्या में इस्तेमाल होने वाले खाने के तेलों में करीब 10 से 15 रुपए प्रति लीटर तक की गिरावट आई है. खाद्य सचिव सुधांशु पांडे का कहना है कि मूंगफली के तेल को छोड़कर अन्य सभी खाद्य तेलों में गिरावट आई है.
अभी पिछले हफ्ते ही अदानी विल्मर, मदर डेयरी, और अन्य बड़े ब्रांड्स ने अधिक से अधिक खुदरा मूल्य को कम करने का निर्णय लिया था. गौरतलब है की कस्टमर्स को इसका फायदा कुछ दिनों के बाद ही मिल पाएगा क्योंकि नया स्टॉक बाज़ार तक पहुंचने में समय लगेगा. सूरजमुखी तेल 3 रुपए सस्ता होने के बाद अब इसका नया मूल्य 190 रूपये हो गया है. पाम तेल के दामों में 4 रूपये की गिरावट देखने को मिली जिससे अब इसका नया भाव 152 रूपये हो गया है.
आपको बता दें की उपभोक्ता मंत्रालय कुल 22 आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों की ही निगरानी करता है. जिसका पूरा एनालिसिस और डेटा 167 बाजारों से जुटाया जाता है. जिसमें गेहूं, आटा, दाल, चावल, चीनी, दूध, आलू, प्याज, टमाटर आदि जरूरी सामानों की निगरानी की जाती है. खाद्य मंत्री ने कहा की केवल खाने वाले तेलों में ही नहीं अपितु खुदरा बाजार जैसे गेंहू, आटे का भाव भी अभी स्थिर है.
मूंगफली की कीमतों में इज़ाफा
जहां अन्य खाने वाले तेलों में गिरावट देखने को मिली वहीं मूंगफली के तेल में कमी के बजाय बढ़ोतरी हुई. इसकी कीमत 1 जून को 186 रूपये लीटर थी जो अब 21 जून को 188 रूपये लीटर हो गई है. सरसों के तेल में भी गिरावट आई है. इसका भाव 183 रुपए से घटाकर 180 रुपए लीटर कर दिया गया है. वनस्पति तेल का भाव 165 रुपए है, सोया तेल का दाम 169.65 रुपए से घटकर 167. 67 रूपये हो गया है. माना जा रहे है की आने वाले दिनों में इसमें और भी कमी देखी जा सकती है.
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