दिल्ली: धौला कुआं के पास से रोजाना गुजरते हैं हजारों लोग लेकिन देखा किसी ने नहीं, जानें इसकी लोकेशन और स्वर्णिम इतिहास

नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) की प्रमुख जगहों में से एक धौला कुआं के नाम से शायद ही कोई परिचित नहीं हो. यह जगह तीन राज्यों और दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi- Mumbai Expressway) से कनेक्टिविटी प्रदान करती है. IGI एयरपोर्ट जानें का रास्ता भी यही से होकर गुजरता है. इतनी मशहूर जगह होने के बावजूद भी बहुत से लोगों ने आज तक धौला कुआं नहीं देखा है. ऐसे में हम आपको यहां धौला कुआं की लोकेशन और इसके इतिहास के बारे में जानकारी देते हैं.

Dhaula Kua

धौला कुआं बिल्कुल रोड़ पर ही पड़ता है और चंद कदमों की दूरी तय कर आप इसको देख सकते हैं. धौलाकुआं मेट्रो स्‍टेशन और पेट्रोल पंप के बीच में डीडीए का पार्क है और पार्क के अंदर जाने पर बाएं ओर यह कुआं है, जो पूरा पत्‍थरों का बना है, यानि पत्‍थरों को जोड़कर बनाया गया है, जो बाहर से दिख जाएगा.

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DDA कर रहा है देख- रेख

धौला कुआं DDA पार्क के अंदर मौजूद हैं, तो इसकी देखरेख की जिम्मेदारी भी डीडीए ही संभाल रहा है. सुरक्षा के लिहाज से कुएं के ऊपर जाल लगाया हुआ है. यहां के सुपरवाइजर सोनू ने बताया कि कुएं की गहराई का अंदाजा आज तक नहीं लग पाया है. वहीं, आसपास के गांवों के लोगों का कहना है कि आसपास कई तरह का निर्माण होने से अब धौला कुआं का पानी पूरी तरह सूख चुका है.

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कैसे पड़ा धौला कुआं नाम

इतिहास के जानकारों का कहना है कि कुएं की तली पर सफेद पत्थर पड़े थे, जिससे पानी सफेद दिखता है. देसी भाषा में सफेद को उजला या धौला भी बोलते हैं. इसलिए पानी धौला होने की वजह से इसका नाम धौला कुआं पड़ गया. कुआं कितने साल पुराना है, इसका इतिहास में कही जिक्र नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि धौला कुआं 300 साल से ज्यादा पुराना होगा.

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स्वतंत्रता संग्राम का गवाह भी है कुआं

कुछ लोगों का मानना है कि धौला कुआं 1857 में हुए स्वतंत्रता संग्राम का भी गवाह रहा है. हरियाणा, राजस्‍थान और दिल्ली से आए हजारों सेनानियों ने इस कुएं में नमक डाला था. इसके चारों ओर खड़े होकर शपथ ली थी कि अंग्रेजी हुकूमत के सामने सिर नहीं झुकाएंगे.

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