नई दिल्ली | दो दिनों के लिए आपको मुश्किलें झेलनी पड़ सकती है क्योंकि इन दो दिनों में देश भर के पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल- डीजल की किल्लत पैदा हो सकती है. पेट्रोल पंप डीलरो का साफ कहना है कि वो पेट्रो कंपनियों से पेट्रो पदार्थ नहीं खरीदेंगे. 31 मई और 1 जून को 24 राज्यों के पेट्रोल पंप डीलर नो परचेज कैंपन में हिस्सा लेंगे. जिसके चलते कोई भी डीलर इन दो दिनों में तेल विपणन कंपनियों से पेट्रोल और डीजल की खरीदारी नहीं करेगा.
क्यों हो रहा है विरोध
बता दें कि यह विरोध पेट्रोल- डीजल पर उनका कमीशन बढ़ाने को लेकर हो रहा है. डीलर्स का कहना है कि 2017 से पेट्रो कंपनियों ने प्राविधान के मुताबिक कमीशन नहीं बढ़ाया है. बिजली का खर्च, वेतन और तेल के दाम पहले के मुकाबले बढ़ गए हैं, इसलिए पेट्रो कंपनियों का विरोध किया जा रहा है. इसमें नई दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों के पंप डीलर शामिल होंगे. डीलर्स ने बताया कि उनकी पूरी कोशिश रहेगी कि आमजन को कोई परेशानी न झेलनी पड़े लेकिन विरोध करने का फैसला इसलिए लेना पड़ा ताकि कंपनियां उनकी बात सुनें.
क्या है विरोध के पीछे का कारण
पेट्रोल पंप डीलरो का कहना है कि डीलर कमीशन- 2017 में, केंद्र सरकार ने हमें हमारे डीलर कमीशन में एक प्राविधान किया था. ओएमसी और डीलर संघों के बीच एक समझौता हुआ कि डीलर मार्जिन को हर छह महीने में संशोधित किया जाएगा लेकिन तेल कंपनियों द्वारा 2017 के बाद से इसे संशोधित नहीं किया गया है.
क्यों उठी है मांग
डीलर्स ने बताया कि साल 2017 के बाद ईंधन की कीमतों में लगभग दोगुना इजाफा हो गया है, इसलिए कार्यशील पूंजी कारोबार दोगुना हो गया है, जिससे अतिरिक्त ऋण और उसके बाद बैंक हित बढ़े हैं. वाष्पीकरण हानियों में आनुपातिक रूप से वृद्धि हुई है. डीलर कमीशन अनिवार्य रूप से हमारे वेतन, बिजली बिल, बैंक शुल्क आदि जैसे खर्चों की प्रतिपूर्ति है जो पिछले पांच वर्षों के दौरान कई गुना बढ़ गया है.
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