नई दिल्ली । लगातार नौवें दिन पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि के पश्चात बुधवार को पहली बार देश में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए से ऊपर चली गई है. पेट्रोल की लगातार बढ़ती हुई कीमतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि मध्यम वर्ग के लोगों को इस प्रकार की कठिनाइयां नहीं होती अगर ऊर्जा आयात की निर्भरता पर पहले की सरकारों ने ध्यान दिया होता.
ईंधन की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी का जिक्र किए बिना ही उन्होंने कहा कि भारत देश ने 2019-20 में अपनी घरेलू मांगों को पूरा करने के लिए 53% गैस और 85% तेल का आयात किया है.
सुनिए प्रधानमंत्री ने क्या कहा
तमिलनाडु में एन्नौर-थिरुवल्लूर-बेंगलुरु-पुदुचेरी-नागापट्टिनम-मदुरै-तूतीकोरिन प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के रामनाथपुरम- थूथूकुडी खंड का उद्घाटन करने के पश्चात अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”क्या हमें आयात पर इतना निर्भर होना चाहिए? मैं किसी की आलोचना नहीं करना चाहता परन्तु यह जरूर कहना चाहता हूं कि यदि हमने इस विषय पर ध्यान दिया होता, तो हमारे मध्यम वर्ग को बोझ नहीं उठाना पड़ता.”
उन्होंने कहा, ”स्वच्छ और हरित ऊर्जा के स्रोतों की दिशा में कार्य करना और ऊर्जा-निर्भरता को कम करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है. आज पहली बार देश में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के पार चली गयी. राजस्थान में पेट्रोल की कीमत ने शतक पूरा कर लिया जबकि मध्यप्रदेश में यह सैकड़ा लगाने के बेहद करीब पहुंच गयी. ज्ञात हो कि देश में ईंधन की कीमतें अंतरराष्ट्रीय दरों पर निर्भर रहती हैं.
ऊर्जा के अक्षय स्त्रोतों पर ध्यान दे रही भारत सरकार
नरेंद्र मोदी ने कहा कि वर्तमान भारत सरकार मध्यम वर्ग की सभी परेशानियों और कठिनाइयों के प्रति संवेदनशील है और अब भारत देश अपने उपभोक्ताओं और किसानों की सहायता करने के लिए इथेनॉल पर ध्यान दे रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गन्ने से निकाले जाने वाला इथेनॉल आयात को कम करने में सहायता करेगा और किसानों को आय का एक नया विकल्प भी प्रदान करेगा. नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत सरकार ऊर्जा के अक्षय स्रोतों पर ध्यान दे रही है और 2030 तक देश में 40% ऊर्जा का उत्पादन करना चाहती है.
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