हरियाणा के सांसद दीपेंद्र हुड्डा को लोकसभा स्पीकर की फटकार पर गर्माई सियासत, जानें क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली | 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के चौथे दिन संसद स्पीकर ओम बिरला और सांसद दीपेंद्र हुड्डा के बीच नोकझोंक देखने को मिली. यह नोकझोंक कांग्रेस के नेता शशि थरूर के शपथ ग्रहण के बाद हुई. इंडिया गठबंधन के नेताओं की तरह शशि थरूर भी शपथ ग्रहण के दौरान संविधान की प्रति लिए नजर आए. अंत में उन्होंने जय संविधान का नारा दिया और स्पीकर से हाथ मिलाकर आसन से नीचे आ गए.

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लोकसभा स्पीकर ने लगाई फटकार

तब लोकसभा स्पीकर ने कहा कि लोग संविधान की शपथ ले ही रहे हैं. यह जो शपथ ली गई है, वह संविधान की है. इस पर हरियाणा के रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने स्पीकर को घेरने कोशिश की. उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि आप अब संविधान पर भी आपत्ति जता रहे हैं. इस पर आपको आपत्ति नहीं होनी चाहिए. तब ओम बिरला ने जवाब देते हुए कि किसपे आपत्ति, किसपे आपत्ति नहीं वो सलाह मत दिया करो ….. चलो बैठो.

हरियाणा में गर्माई सियासत

लोकसभा स्पीकर और दीपेंद्र हुड्डा के बीच हुई इस नोंक-झोंक के बाद हरियाणा की सियासत गर्मा गई है. हरियाणा बीजेपी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर लिखा है कि “बदतमीजी करने पर दीपेंद्र हुड्डा को डांट पड़ी.”

कांग्रेस का पलटवार

इसके बाद कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए लिखा है कि इस अहंकार ने आपको हाफ कर दिया, यहीं अहंकार आपको साफ कर देगा. संविधान की बात करना बदतमीजी नहीं बल्कि एक सांसद का कर्तव्य है.

जनता करेगी फैसला – हुड्डा

इस मामले को लेकर दीपेंद्र हुड्डा ने पूछा है कि क्या अब देश की संसद में भी ‘जय संविधान’ बोलना गलत हो गया है. देश की जनता फैसला करेगी कि संसद में ‘जय संविधान’ बोलना गलत है या फिर ‘जय संविधान’ बोलने वालों को टोकना गलत है.

कांग्रेस हाईकमान की प्रतिक्रिया

वहीं, कांग्रेस हाईकमान ने इस मामले को लेकर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पर निशाना साधते हुए कहा है कि उनका 5 बार के सांसद के साथ इतना गलत व्यवहार और बेइज्जत करना अशोभनीय है. दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा ही नहीं, बल्कि पूरे देश में बेहद ही लोकप्रिय नेता हैं. लोकसभा अध्यक्ष ने इतने जनाधार वाले नेता को अपमानित कर बेहद ही अहंकार भरी सोच का प्रदर्शन किया है.

देश में संविधान का ही राज है और संविधान ने ही ओम बिरला को लोकसभा स्पीकर बनने का अवसर दिया है. वहीं, प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया है कि संसद में सत्ता पक्ष के सांसदों को असंसदीय और असंवैधानिक नारे लगाने से नहीं रोका गया, लेकिन विपक्षी सांसद के ‘जय संविधान’ बोलने पर आपत्ति जताई गई.

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