जानें कैसे किसान आंदोलन का चर्चित चेहरा बनीं पूनम पंडित, कभी सपना चौधरी की थी बाउंसर

नई दिल्ली । तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के आज जितने भी चेहरे चर्चाओं में बने हुए हैं , उन्हीं में से एक चेहरा पूनम पंडित भी है. यूपी के बुलंदशहर निवासी पूनम पंडित पिछले दस महीनों से कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में सक्रिय रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं. हाल के दिनों में वो तब ज्यादा सुर्खियों में आ गई जब 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत में उन्हें स्टेज पर चढ़ने से रोक दिया गया. इस दौरान वें कई इंटरनेट मीडिया चैनल पर बेबाकी से अपनी बात कहती हुई नजर भी आई और कुछ लोगों पर गंभीर आरोपों की झड़ी भी लगा दीं.

poonam pandit

सपना चौधरी की थी बाउंसर

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कभी पूनम पंडित हरियाणवी डांसर सपना चौधरी की बाउंसर हुआ करती थी. उन्होंने बताया कि यह कहने में मुझे कोई गुरेज नहीं है कि मैं कभी सपना चौधरी की बाउंसर होती थी. बाउंसर भी खिलाड़ी होते हैं और मैं एक इंटरनेशनल लेवल की शूटर भी हूं . मैंने नेपाल में आयोजित प्रतियोगिता में शूटिंग में गोल्ड मेडल जीता था. तब घर की जिम्मेदारियों के चलते मुझे नौकरी करनी पड़ी.

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सपना चौधरी को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की तकलीफ़ हैं कि एक कलाकार होते हुए भी सपना चौधरी किसान आंदोलन के हक में नहीं खड़ी हुई है. पूनम पंडित ने कहा कि उन्होंने तीनों कृषि कानूनों का बारीकी से अध्ययन किया है ,तभी मैं आंदोलन से जुड़ी हूं. उन्होंने कहा कि कुछ लोग जहर फैलाकर आंदोलन को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं , मुझे बदनाम किया जा रहा है. यहीं वजह है कि मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत में मेरे साथ बुरा बर्ताव किया गया.

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राकेश टिकैत ने भेजा था बुलावा

किसान महापंचायत के वालिंटियरों पर सवाल खड़े करते हुए पूनम पंडित ने कहा कि जब मैं मंच पर चढ़ रहीं थीं तो एक लड़के ने मुझे कोली भरके नीचे खींच लिया और बोला कि तुम्हें किसी भी सूरत में मंच पर नहीं चढ़ने दूंगा. मेरे साथ धक्का-मुक्की की गई . गर्मी से मेरी हालत खराब हो गई और मुझे कुछ समझ ही नहीं आया कि मेरे साथ यहां क्या हो रहा है.

उन्होंने बताया कि वे राकेश टिकैत के बुलावे पर वहां गई थी और बाद में उन्होंने ही मुझे मंच पर बैठाया. पूनम पंडित ने कहा कि वो आखिरी सांस तक किसानों के लिए संघर्ष करती रहेगी. पिछले दिनों करनाल में भी पूनम पंडित सक्रिय रहीं और मंच से कई बार किसानों को संबोधित भी किया. पूनम पंडित हरियाणवी और यूपी लहजे में अपने दमदार भाषण से हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है. पूनम पंडित ने कहा कि लोगों की आधारहीन बातों से मैं कमजोर पड़ने वाली नहीं हूं. हों सकता है 10% लोगों को में अच्छी नहीं लगती हूं लेकिन मैं 90% लोगों के प्यार को कैसे भूला सकती हूं.

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शादी की बात पर मुस्करा देती है पूनम पंडित

पूनम पंडित से जब यह सवाल पूछा गया कि कई युवा आपसे शादी करने के इच्छुक हैं तो पूनम पंडित ने मुस्कुराते हुए कहा कि शादी भी कर लेंगे, कोई दिक्कत नहीं है. कोई सीधे तौर पर आकर कहें कि शादी करनी है और क्यों करनी है. उन्होंने कहा कि मैं शादी तभी करुंगी ,तभी घर जाउंगी जब कृषि कानून वापिस हों जाएंगे.

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