नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के कामगारों को बुढ़ापे के समय काम ना मिल पाने के कारण होने वाली आर्थिक कठिनाइयों के चलते एक योजना की शुरुआत की. जिसका नाम ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना’ है। इसके तहत असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 60 साल की उम्र के बाद प्रतिमाह 3000 रूपये पेंशन दी जाएगी. वही अबतक इस योजना के अंतर्गत 46 लाख से अधिक कामगार अपना पंजीकरण करा चुके हैं. इस योजना में करीब 36 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश में शामिल हो चुके है.
इन लोगो को मिलेगा फायदा
बता दें ‘प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना’ के अंतर्गत वही व्यक्ति पात्र है जिनकी आय 15000 या फिर इससे कम है. इस योजना का का फायदा असंगठित क्षेत्रों के श्रमिक जैसे कि, ड्राइवर, रिक्शा चालक, मोची, दर्जी, मजदूर, घरों में काम करने वाले, भट्टा श्रमिक आदि के द्वारा प्राप्त किया जा सकता है. इस योजना के लिए आवेदन करने वाले श्रमिक की उम्र 18 साल से 40 साल के बीच होनी अनिवार्य है. इसमें आवेदन करने के लिए आपके पास मोबाइल फोन, आधार नंबर, और बैंक बचत खाता का होना अनिवार्य है. ईपीएफओ, एनपीएस और इएसआइसी के अंतर्गत आने वाले इस योजना के पात्र नहीं होंगे. इसके साथ ही इस योजना के अंतर्गत जितना योगदान करते हैं, सरकार भी आपके खाते में उतना ही योगदान करेगी. और आपकी मृत्यु के बाद पत्नी को आजीवन आधी पेंशन डेढ़ हजार रुपये प्रदान की जाएगी.
जानकारी के लिए बता दें सरकार ने वृद्धावस्था में मासिक पेंशन के रूप में सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से 2019 में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की शुरूआत की थी. इसके तहत असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद 3,000 रुपये की न्यूनतम सुनिश्चित मासिक पेंशन प्रदान की जाएगी. ताकि बुजुर्गो को आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े. श्रम मंत्रालय के अनुसार इस योजना के तहत 6 नवंबर, 2022 तक असंगठित क्षेत्र के कुल 46,01,168 कामगार पंजीकरण करा चुके है.
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