नई दिल्ली | भारतीय रेलवे के इतिहास में एक और नया अध्याय जुड़ने जा रहा है. रेलवे ने देश के प्रमुख हेरिटेज ट्रेन रुटों पर हाइड्रोजन ट्रेन के संचालन की तैयारियां तेज कर दी है. हिंदुस्तान इस उपलब्धि को हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश होगा. इससे पहले जर्मनी, फ्रांस और चीन में हाइड्रोजनफ्यूल पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है. पहले चरण में इस साल चयनित आठ प्रमुख हेरिटेज रेलवे ट्रैक रूट्स पर इन ट्रेनों को उतारा जाएगा.
इन रूटों पर दौड़ेगी हाइड्रोजन ट्रेन
- नार्दर्न रेलवे की ही कांगड़ा वैली में 164 किमी की नैरोगेज लाइन, नार्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे में 88.6 किमी की नैरोगेज लाइन, नार्दर्न रेलवे में कालका- शिमला रेलवे की 95.4 किमी नैरोगेज लाइन और सेंट्रल रेलवे की मातेरन हिल्स रेलवे में नैरोगेज की 19.97 किमी लंबी नैरोगेज लाइन पर हाइड्रोजन इंजन वाली ट्रेनों को दौड़ाया जाएगा.
- वेस्टर्न रेलवे की बिल्मोरा वाघई की 62.7 किमी, माहू-पातलपानी की 58 किमी लंबी मीटर गेज, नार्थवेस्टर्न रेलवे की मारवाड़-देवगढ़ माद्रिया की 52 किलोमीटर लंबी मीटर गेज लाइन और साऊदर्न रेलवे की नीलगिरी माउंटेन रेलवे की 46 किमी मीटरगेज लाइन को हाइड्रोजन संचालित ट्रेनों के लिए चयनित किया गया है.
पर्यावरण का खास ख्याल
केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हेरिटेज रेल रूटों पर हाइड्रोजन फ्यूज आधारित ट्रेनों का संचालन शुरू होगा. इनमें ज्यादातर नैरोगेज की लाइनें हैं, जहां हल्के भार की ट्रेनें चलाई जाएंगी. इस ट्रेनों को ‘वंदे मेट्रो’ के नाम से जाना जाएगा.
प्रदूषण मुक्त फ्यूल का होगा उपयोग
केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि फिलहाल इन सभी हेरिटेज रेलवे ट्रैक पर डीजल संचालित ट्रेनें चल रही है. उन्होंने बताया कि ये सभी रेलवे लाइन ऐसे क्षेत्रों से होकर गुजरती है जहां का पर्यावरण बेहद संवेदनशील है. ऐसे में पर्यावरण संरक्षण का ख्याल रखते हुए प्रदुषण मुक्त फ्यूल का इस्तेमाल किया जाएगा.
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