नई दिल्ली | मोदी सरकार ने आम चुनाव से पहले महंगाई पर काबू पाने के लिए एक्शन ले लिया है. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आने वाले हफ्तों में पेट्रोल बिक्री पर टैक्स कम करने, खाद्य तेल और गेहूं पर आयात शुल्क कम करने जैसे बड़े फैसले ले सकते हैं. इतना ही नहीं, केंद्र सरकार के अधिकारी भोजन और ईंधन की लागत में वृद्धि को रोकने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के बजट से लगभग 1 लाख करोड़ रुपए फिर से आवंटित करने की योजना पर काम कर रहे हैं. बता दें कि यह फंड कुल बजट का तकरीबन 2 प्रतिशत है.
इसका उपयोग गरीबों को सस्ता कर्ज और घर मुहैया कराने में किया जा सकता है. इस हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में 15 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी महंगाई से लड़ने का ऐलान किया है. हालांकि, सरकार के पास कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कुछ ही महीने शेष बचे हैं.
बाढ़ के कारण बढ़ी घरेलू वस्तुओं की कीमतें
पीएमओ अधिकारी का कहना है कि देश के कई हिस्सों में असामान्य बारिश और बाढ़ के कारण कई घरेलू वस्तुओं की लगातार कीमतें बढ़ी हैं. जिनमें टमाटर और प्याज जैसी मुख्य खाद्य वस्तुएं भी शामिल है. सरकार ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए कई तरह के कदम उठाए, खाद्य पदार्थों की जमाखोरी करने वालों पर कार्रवाई से कीमतें नीचे गिरेंगी. 2022 तक गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद सरकार ने पिछले महीने चावल की कुछ किस्म के शिपमेंट पर भी रोक लगा दी है. इसके साथ ही, कुछ खाद्य पदार्थों के भंडारण पर भी रोक लगा दी गई है.
भारत को 30- 40 MT गेहूं की जरूरत
सरकार रूस से सस्ती दरों पर गेहूं खरीदने के लिए बातचीत कर रही है. दरअसल, सीमित आपूर्ति के कारण देश में गेहूं की थोक कीमत 2 महीने में 10% बढ़ गई है. भारत को 30 से 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं की जरूरत है लेकिन कीमत पर अधिक नियंत्रण रखने के लिए सरकार 80 से 90 लाख मीट्रिक टन खरीद सकती है. इससे पहले भारत ने 2017 में 53 लाख मीट्रिक टन गेहूं का आयात किया था. इससे गरीबों पर मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है. एक अधिकारी का कहना है कि रूस ने मौजूदा बाजार की कीमतों पर छूट देने की पेशकश की है. भारत ₹2,076 से ₹3,322 प्रति टन की रियायती कीमत पर गेहूं खरीद सकता है.
16 राज्यों में पेट्रोल पहुंचा 100 के पार
हमारे देश के 16 राज्यों में पेट्रोल 100 से पार प्रति लीटर पहुंच चुका है. मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मणिपुर, तेलंगाना, पंजाब, झारखंड, सिक्किम, ओडीशा, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के सभी जिलों में पेट्रोल ₹100 प्रति लीटर से भी ऊपर बिक रहा है. ओडिशा, राजस्थान और मध्य प्रदेश (MP) में डीजल भी ₹100 प्रति लीटर के ऊपर पहुंच चुका है. बता दें कि एक साल से ज्यादा समय से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं हुआ है. पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आखिरी बदलाव 21 मई 2022 को हुआ था. तब पेट्रोल पर 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क कम किया गया था. इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमश: 9.5 रुपये और 7 रुपये कम हो गईं थी.
पंजाब में 92 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ पेट्रोल
बता दें कि पिछले महीने 10 जून को पंजाब सरकार ने पेट्रोल वैट रेट में करीब 1.08 फीसदी की बढ़ोतरी की है. इससे वहां पेट्रोल 92 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया जबकि वैट दर में 1.13% की बढ़ोतरी से डीजल 90 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया और जुलाई 2022 में महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में 5 रुपये और 3 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है.
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