नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब सिर्फ एक नगर निगम होगा.लोकसभा और राज्यसभा में बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिल गई है. इसके साथ ही तीनों निगमों को एक करने का विधेयक कानून बन गया है. अब तीनों निगमों (उत्तर, पूर्व और दक्षिण) को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के नाम से जाना जाएगा. इसके साथ ही एमसीडी के संभावित चुनाव पर भी ब्रेक लगा दिया गया है.
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022 को राष्ट्रपति कोविंद की स्वीकृति मिल गई है. केंद्र सरकार ने मंगलवार को नोटिफिकेशन जारी कर जनता को इसकी जानकारी दी. इस अधिनियम का उद्देश्य दिल्ली के तीन नगर निकायों- पूर्वी दिल्ली नगर निगम, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम का विलय करना है जो अब दिल्ली नगर निगम के रूप में जाना जाएगा.
इसके साथ ही अब दिल्ली में तीन की जगह एक ही मेयर हो जाएगा. अधिसूचना के अनुसार अब सरकार दिल्ली नगर निगम के कार्यों के निर्वहन के लिए एक विशेष अधिकारी की नियुक्ति करेगी. आपको बता दें कि संसद के पिछले सत्र में ही केंद्र सरकार ने तीनों निगमों को एक करने का विधेयक पारित किया था.
कब होंगे चुनाव
वहीं जानकारों की माने तो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद दिल्ली के तीनों नगर निगमों के एकीकरण के लिए सीमा तय करने की प्रक्रिया विधेयक के कानून का रूप लेने के बाद की जाएगी. सीमांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिल्ली नगर निगम के चुनाव होंगे
1958 में दिल्ली नगर निगम अस्तित्व में आया
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) अप्रैल 1958 में अस्तित्व में आया था.इसकी स्थापना विभिन्न स्थानीय निकायों प्रशासनिक समितियों को मिलाकर की गई थी. दिल्ली नगर निगम का गठन दिल्ली नगर निगम अधिनियम-1957 अधिनियम के आधार पर किया गया था.
संसद के दोनों सदनों में विधेयक पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने 28 दिसंबर 1957 को दिल्ली नगर निगम अधिनियम को अपनी स्वीकृति दी. इस प्रकार दिल्ली नगर निगम ने 7 अप्रैल 1958 को काम करना शुरू किया और शहर को अपना पहला मेयर मिला.इसके साथ ही दिल्ली को लगभग 1860 में शुरू हुई नगरीय प्रशासन व्यवस्था से मुक्ति मिल गई.
नवगठित निकाय के मुख्यालय को चांदनी चौक इलाके में स्थित ऐतिहासिक टाउन हॉल में स्थानांतरित कर दिया गया जहां पहले दिल्ली नगर पालिका थी.इस कार्यालय से एमसीडी ने 2000 के दशक तक कार्य किया. इसके बाद मुख्यालय को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के सामने आधुनिक नागरिक केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया.
दिल्ली नगर निगम को वर्ष 2011 में तीन निगमों (उत्तर, पूर्व और दक्षिण) में विभाजित किया गया था. दिल्ली नगर निगम की शुरुआत 1957 में 80 पार्षदों के साथ हुई थी, जो सीमांकन के बाद वर्ष 2007 में बढ़कर 272 हो गई. केंद्र सरकार ने एक बार फिर तीनों नगर निगमों को एक करने का फैसला किया है. इससे जुड़े बिल को संसद ने मंजूरी दे दी है.
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