नई दिल्ली | नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में बदलाव को लेकर बड़ी खबर है. दरअसल, नए नियम शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इससे एनपीएस के दायरे में आने वाले कर्मचारियों के लिए पैसा निकालना बेहद आसान और फायदेमंद हो जाएगा. इन बदलावों को जमीन पर उतारने के लिए पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने पूरी तैयारी कर ली है.
ये किया गया नियम में बदलाव
पीएफआरडीए ने 27 अक्टूबर 2023 को जारी सर्कुलर में साफ कर दिया था कि वह नियम 3 और नियम 4 में बदलाव कर तय समय के बाद पैसे निकालने के लिए सिस्टमेटिक एकमुश्त निकासी (SLW) शुरू करने जा रहा है. इसके तहत, एनपीएस खाताधारक पेंशन फंड में जमा रकम का 60 फीसदी तक निकाल सकेंगे. एसएलडब्ल्यू में आपको अपनी सुविधा के अनुसार, 75 वर्ष की आयु तक मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या वार्षिक आधार पर पैसे निकालने की आजादी होगी.
एनपीएस ऐसे करता है काम
एनपीएस भारत सरकार द्वारा संचालित एक कार्यक्रम है, जो पीएफआरडीए की देखरेख में संचालित होता है. एनपीएस इक्विटी, सरकारी सिक्योरिटीज और कॉरपोरेट बॉन्ड समेत कई जगहों पर पैसा निवेश करता है. इस तरह एनपीएस अपने रिटायरमेंट फंड को मजबूत करता रहता है.
समझें क्या है एसएलडब्ल्यू?
अगर इसे आसान शब्दों में समझना हो तो यह म्यूचुअल फंड के तहत मिलने वाले सिस्टमेटिक विदड्रॉल प्लान के समान है. एनपीएस के दायरे में आने वाले लोग अपनी पसंद के समय अंतराल के भीतर पैसा निकाल सकेंगे. इसके तहत, 60 साल की उम्र तक पहुंचने के बाद आप अपने 40 फीसदी फंड में से जो भी विकल्प चुनेंगे और सेवानिवृत्त कर्मचारी को 75 साल की उम्र तक लगातार भुगतान मिलता रहेगा.
दूसरी तरफ, आप SLW के तहत शेष 60 प्रतिशत फंड को एक साथ या व्यवस्थित रूप से निकाल सकेंगे. एसएलडब्ल्यू की मदद से पेंशनभोगियों को पैसा मिलता रहेगा. इससे यह सुनिश्चित होगा कि सेवानिवृत्ति के बाद उनकी एक निश्चित आय होगी और उन पर खर्चों का बोझ नहीं पड़ेगा. इस प्रक्रिया में आपको एक बार विकल्प चुनने का मौका मिलेगा.
एसएलडब्ल्यू से इन्हें होगा फायदा
आपकी जानकारी के लिए बता दिया जाए कि जो लोग रिटायरमेंट के बाद भी एक निश्चित आय चाहते हैं उन्हें इस योजना से काफी फायदा होगा. यह लाभ सेवानिवृत्ति के समय प्राप्त किया जा सकता है.
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