Rail Ticket Concession: सीनियर सिटीजन को लगा बड़ा झटका, रेल मंत्री ने किया बड़ा ऐलान

नई दिल्ली | रेल यात्रियों के लिए एक जरूरी सूचना है. दरअसल, रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने एक बड़ा ऐलान किया है जिसके तहत वरिष्ठ नागरिकों को टिकट में मिलने वाली रियायतें खत्म कर दी गई हैं. गौरतलब है कि कोरोना महामारी के समय वरिष्ठ नागरिकों को टिकट पर मिलने वाली छूट को खत्म कर दिया गया था, जिसके शुरू होने का इंतजार था.

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केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने लोकसभा में एम आरिफ के एक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि वरिष्ठ नागरिकों (Railway Concession to Senior Citizen) को टिकट में मिलने वाली रियायते अब खत्म कर दी जाएगी. यानी अब भारतीय रेलवे द्वारा सीनियर सिटीजन ( Senior Citizen) और खिलाड़ियों समेत दूसरे कैटगरी के यात्रियों को रियायती टिकट (Concession Ticket) की सेवा फिर से शुरू नहीं की जाएगी. रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव का कहना है कि रेलवे के पैसेंजर सेगमेंट का किराया पहले से ही बहुत कम है और अलग अलग कैटगरी में रियायती टिकट दिए जाने से रेलवे को भारी नुकसान हो रहा है. इसलिए अब इन लोगों को रियायतें नहीं मिलेंगी.

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रेलवे को रहा भारी नुकसान

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के समय वरिष्ठ नागरिकों को टिकट पर मिलने वाली छूट को खत्म कर दिया गया था. इसी को लेकर लोकसभा में रेल मंत्री से ये सवाल किया गया कि सरकार सीनियर सिटीजन के लिए फिर से रियायती रेल सफर की शुरुआत कब से करेगी. इस सवाल का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण रेलवे पहले ही घाटे में चल रहा है. इसके ऊपर रेल कंसेशन बहाल करने से रेलवे के वित्तीय सेहत पर और भी बुरा असर पड़ेगा इसलिए सीनियर सिटीजन समेत सभी कैटगरी के लोगों के लिए रियायती रेल टिकट सेवा बहाल किया जाना अब संभव नहीं है.

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रेल कंसेशन से रेलवे को कितना नुकसान 

गौरतलब है कि रेलवे अभी तक चार तरह के विकलांग कैटगरी और 11 तरह के मरीजों और छात्रों को रियायती रेल टिकट उपलब्ध कराती थी. रेलवे ने मार्च 2020 से पहले वरिष्ठ नागरिकों के मामले में महिलाओं के किराए पर 50 फीसदी और पुरुषों को सभी क्लास में रेल सफर करने के लिए 40 फीसदी की छूट दी थी. इस छूट का लाभ वो बुजुर्ग उठा सकते हैं थे जिनकी न्यूनतम आयु 58 ( महिलाओं के लिए) 60 वर्ष (पुरुषों के लिये) हो, लेकिन इससे रेलवे को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा. रेल मंत्री की जानकारी के अनुसार रेलवे को अभी तक इतना नुकसान हुआ है.

  • सीनियर सिटीजन को रेल टिकट पर छूट देने के चलते 2017-18 में रेलवे को 1491 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
  • 2018-19 में टिकट पर छूट देने के चलते रेलवे को 1636 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
  • 2019-20 में रेलवे को 1667 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
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बुजुर्गों के लिये महंगा हुआ रेल सफर

बता दें कि रेलवे द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को रियायत इसलिए दी जाती थी क्योंकि ज्यादातर बुजुर्गों के पास सोर्स ऑफ़ इनकम की कमी होती है, लेकिन रेलवे ने कोरोना महामारी के कारण मार्च 2020 में बुजुर्गों को दी जाने वाली रियायतों को रोक दिया. वहीं अब इस बात को साफ कर दिया गया है कि यह रियायतें फिर से शुरु नहीं की जाएगी. ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेल सफर अब महंगा पड़ रहा है.

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