बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में देरी की बड़ी वजह आई सामने, रेल मंत्री ने दी लेटेस्ट अपडेट

नई दिल्ली | देश की पहली बुलेट ट्रेन में सफर करने को लेकर लोगों में उत्साह बना हुआ है और इसको लेकर इंतजार भी लगातार जारी है. ट्रेन की लागत, डिजाइन, किराए आदि पर यात्रियों की पैनी नजर है. बता दें कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट केन्द्र सरकार की एक बड़ी योजना है. लेकिन अब बुलेट ट्रेन को लेकर नई अपडेट सामने आई है जिसको जानने को लेकर लोगों की उत्सुकता और बढ़ गई है.

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बुलेट ट्रेन पर नई अपडेट

बता दें कि साल 2015 में हुएं सर्वे के अनुसार, मुंबई- अहमदाबाद रूट पर पहली बुलेट ट्रेन दौड़ाने में करीब 1.08 लाख करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान जताया गया था लेकिन अब इस अनुमानित राशि में बढ़ोतरी होती नजर आ रही है. अब तक अनुमानित लागत राशि बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपए हो चुकी है, जबकि इसमें अभी जीएसटी को शामिल नहीं किया गया है. सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर खर्च हो रही लागत राशि की जानकारी शेयर की है.

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कंस्ट्रक्शन हुआ महंगा

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सूरत में इस प्रोजेक्ट की जानकारी देते हुए बताया कि महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में देरी हो रही है जिसके चलते प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत राशि बढ़ रही है. इसके अलावा कंस्ट्रक्शन मेटेरियल सीमेंट, लोहा, स्टील आदि के रेट में भी जबरदस्त उछाल आया है, ऐसे में समय के साथ इसकी लागत राशि में भी इजाफा हो रहा है.

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नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा है कि प्रोजेक्ट पर नई लागत क्या होगी, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. भूमि अधिग्रहण का काम और सभी कॉन्ट्रैक्ट्स पूरे होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से यह प्रोजेक्ट बुरी तरह से प्रभावित हुआ है और यही वजह है कि कई काम अभी भी अधर में लटके पड़े हैं.

देरी की प्रमुख वजह

बुलेट ट्रेन के निर्माण कार्य में देरी की प्रमुख वजह समय पर भूमि अधिग्रहण का काम पूरा होना नहीं है. सितंबर 2017 में शुरू हुएं इस 508 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट को पूरा करने की शुरुआती डेडलाइन साल 2022 निर्धारित की गई थी लेकिन अब तक केवल दादर और नागर हवेली में ही जमीन अधिग्रहण का कार्य 100 फीसदी पूरा हो सका है. इसके अलावा महाराष्ट्र में 73% और गुजरात में लगभग 99% कार्य पूरा हुआ है. केन्द्र सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में हो रही देरी इस प्रोजेक्ट के समय पर पूरा न होने की सबसे बड़ी वजह है.

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