सादगी और जिंदादिली की मिसाल थे राकेश झुनझुनवाला, नहीं भुला पाएंगे उनका बेबाक अंदाज

नई दिल्ली | शेयर मार्केट की जानी- मानी हस्ती, दलाल स्ट्रीट के महाराज, भारत के वारेन बफेट जैसे कई नामों से दुनियाभर में प्रसिद्ध हो चुके राकेश झुनझुनवाला ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया यानि आज वो हमारे बीच में नहीं रहें. शेयर मार्केट में निवेश करने वालों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुके झुनझुनवाला ने महज 5 हजार रुपए से शेयर मार्केट में कारोबार शुरू किया था और आज उनकी नेटवर्थ करीब 46 हजार करोड़ रुपए की थी.

Rakesh Jhunjhunwala

बता दें कि वो पिछले लंबे समय से डायबिटीज की बीमारी से जूझ रहे थे और अपना अधिकतर समय व्हीलचेयर पर ही व्यतीत करते थे. झुनझुनवाला इस कदर खुशमिजाज इंसान थे कि व्हीलचेयर पर भी डांस करने लग जाते थे. दुनियाभर में जितना बड़ा उनका नाम था,वो उतने ही सहज, आशावादी और जिंदादिल इंसान थे. उनकी सादगी इसी बात से पता चलती है कि वे सिकुड़ी हुई शर्ट के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने से नहीं हिचकिचाते थे.

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बेबाक और आशावादी की मिसाल थे झुनझुनवाला

राकेश झुनझुनवाला अपनी बेबाक राय के लिए जाने जाते थे. एक बार इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि अगर निवेश का उचित मौका है तो वह अपनी पत्नी की चूड़ियां बेचकर भी निवेश करने से नहीं घबराते. वे इतने आशावादी और पॉजिटिव इंसान थे कि 2008 में आई आर्थिक मंदी के समय में जब सभी शेयर बाजार से अपने हाथ पीछे हटा रहे थे, तब वे बाजार को लेकर पाज़िटिव थे. कोविड महामारी के दौर में जब शेयर मार्केट डूब रहा था तब भी उन्होंने अपनी पॉजिटिविटी बनाएं रखीं.

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लोगों को पसंद आया था उनका ये अंदाज

राकेश झुनझुनवाला की मौत के बाद फाइनेंशियल मोंक के फाउंडर केशव अरोरा ने उनका एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में झुनझुनवाला व्हीलचेयर पर बैठे- बैठे कजरा रे गाने पर डांस करते हुए नजर आ रहे हैं. वीडियो शेयर करते हुए अरोरा ने लिखा कि ये लम्हे हमेशा दिलों में जिंदा रहेंगे. यह दर्शाता है कि वो कितने खुश मिजाज प्रवृत्ति के शख्सियत थे.

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दान करने में भी आगे थे झुनझुनवाला

धार्मिक और समाजसेवा से जुड़े कार्यों में दान देने में राकेश झुनझुनवाला हमेशा अग्रणी रहते थे और हर साल अपनी कमाई का 25 प्रतिशत हिस्सा दान करते थे. वे स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े कार्यों में दान देने में काफी दिलचस्पी रखते थे. एक रिपोर्ट के अनुसार वो साल में 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि दान करते थे.

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