नई दिल्ली| काफी लंबी प्रक्रिया के बाद एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd.) और एफडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के विलय का रास्ता साफ हो गया है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एचडीएफसी बैंक और उसकी मूल कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd.) के विलय के प्रस्ताव के लिए मंजूरी दे दी है.
पहले ही मिली बीएसई और एनएसई की मंजूरी
एचडीएफसी बैंक की जानकारी के अनुसार ‘ 4 जुलाई 2022 में एचडीएफसी को आरबीआई (RBI) का का लेटर मिला गया था. जिसमें आरबीआई ने प्लान के लिए अपनी NOC दे दी है साथ ही इसमें कुछ शर्तों का जिक्र भी किया गया है. बता दें कि एचडीएफसी को सप्ताह की शुरुआत में प्रस्तावित विलय के लिए बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) से मंजूरी मिल गई थी.
ग्राहकों पर इसका क्या होगा असर
एचडीएफसी व एचडीएफसी बैंक के मर्जर का असर ग्राहकों और शेयरधारक दोनों पर पड़ेगा. एचडीएफसी के हर शेयरधारक को एचडीएफसी के 25 शेयर के बदले एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे. वहीं, एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारकों के पास एचडीएफसी बैंक का 41 फीसदी हिस्सा रहेगा. इसके बाद एचडीएफसी बैंक का पूरा स्वामित्व पब्लिक शेयरहोल्डर्स के हाथों में रहेगा.
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