नई दिल्ली | केंद्रीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की जरूरी बैठक हुई थी, अब इस बैठक के नतीजे भी सामने आ गए हैं. बता दें कि रिजर्व बैंक की तरफ से एक बार फिर से रेपो रेट को 6.5% बरकरार रखने का बड़ा फैसला लिया गया है. केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की तरफ से जानकारी देते हुए बताया गया कि अबकी बार भी रेपो रेट में किसी प्रकार का कोई भी बदलाव नहीं किया गया है. वित्त वर्ष 2024- 25 की पहली बैठक 3 अप्रैल को शुरू हुई थी. यह बैठक इस वजह से भी और खास हो जाती है कि लोकसभा चुनाव बेहद ही करीब है.
रेपो रेट में नहीं हुआ बदलाव
महंगाई दर और इकोनामिक गतिविधियों में स्थिरता को देखते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई मे रेपो रेट स्थिर रखने का फैसला लिया गया है. केंद्रीय बैंक की तरफ से अभी भी महंगाई दर को नियंत्रित करने पर ही अपना ध्यान केंद्रित किया गया है. केंद्रीय रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो रेट में वृद्धि की थी. उसके बाद से ही रेपो रेट 6.5% पर बनी हुई है. तब से लेकर अब तक 7 बार केंद्रीय रिजर्व बैंक समिति की मौद्रिक नीति समिति की बैठक हो चुकी है. बता दें कि रेपो रेट के आधार पर ही बैंक लोन की ब्याज दर पर फैसला लेते हैं.
बहुमत से लिया गया फैसला
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय में चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर क्रमशः 8.2 और 8.1% कर दिया है. हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में वृद्धि दर 8.4% रही थी.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी ने वृहद आर्थिक परिस्थितियों की समीक्षा करने के बाद ही बहुमत से रेपो रेट में बदलाव न करने का फैसला लिया है. खुदरा महंगाई भले ही मौजूदा सीरीज में निचले स्तर पर आ गई हो, लेकिन अभी खाने- पीने की चीजों के मामले में महंगाई की स्थिति अनिश्चित बनी हुई है.
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