दिवाली पर प्याज के भाव ने बिगाड़ा रसोई का बजट, महंगाई दर 6 फीसदी रहने का अनुमान

नई दिल्ली | त्योहारी सीजन पर आसमान छूती प्याज की कीमत ने रसोई के बजट को बिगाड़ कर रख दिया है. ये आम बात नहीं है, प्याज की कीमत (Pyaj Ka Bhav) देश में तख्तापलट तक करने का दम रखती है. प्याज का लगातार बढ़ता भाव महंगाई दर को 6% के स्तर तक ले जा सकता है जिससे आने वाले महीनों में देश की इकोनॉमी प्रभावित होगी, तो वहीं लोन की ब्याज दरों में वृद्धि हो सकती है.

Pyaj Onion

बात सिर्फ अब तक नवंबर महीने के दिनों की करें तो अक्टूबर के मुकाबले प्याज की कीमतों में अब तक 75% की तेजी आ चुकी है. इसके चलते आने वाले महीनों में महंगाई दर 6% के स्तर तक पहुंच सकती है. संभव है कि भारतीय रिजर्व बैंक को रेपो रेट में भी बदलाव करना पड़े. अक्टूबर में टमाटर के भाव में गिरावट से महंगाई दर नीचे आने की उम्मीद थी लेकिन अक्टूबर के आखिर तक आते- आते सब्जियों की कीमतों में तेजी देखी गई. प्याज की क़ीमत में तो बेतहाशा वृद्धि हो रही है.

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महंगाई पर ऐसे असर डालता है प्याज

देश में जब रिटेल महंगाई दर को नापा जाता है, तो उसके लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स बनाया जाता है. इस इंडेक्स का एक हिस्सा फूड प्राइस इंडेक्स भी होता है, जिसमें टमाटर, प्याज और आलू की कीमतों का वेटेज होता है. रिटेल महंगाई दर को तय करने वाले बास्केट में प्याज की वेटेज 0.64 प्रतिशत है जबकि टमाटर की वेटेज 0.57 प्रतिशत. इसलिए प्याज की कीमतें महंगाई दर पर असर डालती हैं.

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हालांकि, केंद्र सरकार के पास 5 लाख टन प्याज का स्टॉक मौजूद था और इसमें से अक्टूबर के अंत तक सरकार 1.70 लाख टन प्याज बाजार में उतार चुकी है. ऐसे में आने वाले दिनों में मोदी सरकार को महंगाई दर घटाने के लिए स्टॉक से और प्याज को मार्केट में रिलीज करना होगा. देश में चुनावी माहौल है और केन्द्र सरकार भी नहीं चाहेगी कि प्याज के भाव को लेकर हाहाकार मचें.

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