नई दिल्ली | देशभर में रोजमर्रा की जरूरत की चीजों के बढ़ते दाम आम आदमी की जेब ढीली करने का काम कर रहे हैं. वहीं, मौसम में बदलाव के साथ ही हरी सब्जियों की आसमान छूती कीमतें रसोईघर का बजट बिगाड़ रही है. ऐसे में यदि आप भी इस मौसम में हरी सब्जियों का टेस्ट लेना चाहते हैं तो आपको पहले के मुकाबले अधिक कीमत चुकानी होगी.
लोगों के लिए सेहतमंद मानी जाने वाली हरी सब्जियों ने न केवल आमजन बल्कि मध्यम वर्ग का भी बजट गड़बड़ा दिया है. फिलहाल, बाजार में ऐसी कोई सब्जी नहीं है जिसका रेट 30 रूपए प्रति किलो से कम हो. इन दिनों हरी तरकारी के भाव में भी उछाल आया हुआ है.
- 5 रूपए प्रति किलो बिकने वाले कद्दू का वर्तमान में भाव 35 रूपए किलो तक पहुंच गया है. वहीं, शिमला मिर्च 50 से 60 रूपए प्रति किलो बिक रही हैं. 5 रूपए किलो बिकने वाला आलू 20 से 35 रूपए प्रति किलो बिक रहा है. बैंगन का भाव भी 30- 35 रूपए प्रति किलो हो गया है.
- इसी तरह सब्जी का स्वाद बढ़ाने वाला लहसुन तो लोगों की पहुंच से बाहर होता जा रहा है. लहसुन के भाव 200 से 220 रुपए किलो तक हो गया है. वहीं, जीरे का भाव भी 700 रूपए प्रति किलो तक बना हुआ है. 20 से 30 रुपए में मिलने वाला करेला व भिंडी के दाम 80 से 90 रुपए किलोग्राम तक पहुंच गए हैं.
- पिछले एक पखवाड़े के दौरान हरी सब्जियों के भाव में 50 से 60 प्रतिशत तक का उछाल देखने को मिला है. बाजार में इन दिनों हरी सब्जियां अधिक आई हुई हैं और सभी हरी सब्जियों के दाम आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रहे हैं. ऐसे में गृहिणियों को सब्जी खरीदते समय अपने बजट का पूरा ध्यान रखते हुए सब्जी खरीदनी पड़ रही है.