नई दिल्ली | केंद्र सरकार द्वारा जल्दी ही पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana) के दूसरे चरण को लागू जाएगा. इसके लिए राज्यों को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा. इसके बाद, राज्यों द्वारा अपने हिस्से की धनराशि खर्च करने में पीछे नहीं हटा जा सकेगा. सरकार द्वारा यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि इस योजना के पहले चरण में गैर भाजपा शासित राज्य सरकारों द्वारा केंद्र पर परियोजना की धनराशि जारी न करने या उसमें देरी के आरोप लगाए जाते रहे हैं.
केंद्र सरकार खर्च करेगी 2 लाख करोड़ रूपए
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में हुई उपलब्धियां का विवरण बताते हुए कहा कि पीएम आवास योजना के दूसरे चरण में पहले के मुकाबले कई सुधार किए गए हैं. बता दें कि पीएम आवास योजना शहरी के दूसरे चरण के तहत, एक करोड़ नए घर 5 साल की अवधि में बनाएं जाएंगे. इन पर केंद्र सरकार करीब 2 लाख करोड रुपए खर्च करेगी. 9 सितंबर को कैबिनेट द्वारा इस योजना को मंजूरी प्रदान कर दी गई है.
इस आधार पर जारी होगी राशि
इस बारे में जानकारी देते हुए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि इस योजना के प्रति ज्यादा जवाबदेही तय करने के लिए राज्यों को उसमें कई सुधार करने के लिए कहा गया है. इनमें मुख्यतः उनकी तरफ से अफॉर्डेबल हाउसिंग नीति बनाना, शहरी नियोजन, डिमांड सर्वे के आधार पर पात्र लोगों की पहचान करना और धन आवंटन के लिए पारदर्शी नीति का निर्माण करना शामिल है. इन सब के आधार पर ही केंद्र सरकार द्वारा योजना की राशि जारी की जाएगी.
दिसंबर 2024 की है डेडलाइन
इसके लिए दिसंबर 2024 की डेडलाइन निर्धारित की गई है. पीएम आवास योजना शहरी में पीएम स्वनिधि और पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभार्थियों, सफाईकर्मियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, उद्योगों के कर्मचारियों पर ज्यादा ध्यान रहेगा. जो लोग झुग्गी झोपड़ियों में रहते हैं, उन्हें भी इस योजना में शामिल किया जाएगा. जिन लोगों के पास मकान बनाने के लिए खुद की जमीन नहीं है राज्य सरकारों द्वारा उन्हें पट्टा उपलब्ध करवाया जा सकता है.
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