Success Story: 50 लाख की जॉब छोड़कर इस शख्स ने शुरू किया खुद का बिजनेस, पढ़ें कैसे हासिल किया ये मुकाम

नई दिल्ली, Success Story | आजकल लगभग सभी युवाओं के लिए सरकारी नौकरी पाना ही एकमात्र सपना होता है, लेकिन कई युवा ऐसे भी होते हैं जो अपनी अलग राह चुनते हैं और उसमें कामयाब भी होते हैं. ऐसा ही कुछ उदाहरण पेश किया है पश्चिम बंगाल के आसनसोल के सामान्य परिवार के रहने वाले अनूप अग्रवाल ने. इन्होंने अपनी मेहनत, लगन और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर आज वह मुकाम पा लिया जो बहुत ही कम लोग हासिल कर पाते हैं.

Anup Aggrwal

इलेक्ट्रॉनिक्स से की Btech की पढाई

10वीं और 12वीं की गांव में ही पढ़ाई करने के बाद वह अपने पिता के होलसेल के बिजनेस में जुट गए. हालांकि उनकी इच्छा पुणे यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करने की थी, लेकिन उन्हें एडमिशन नहीं मिला. उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग से उन्होंने अपनी Btech की पढाई पूरी की.

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बीटेक करने के बाद वह आईआईएम से एमबीए करना चाहते थे, लेकिन ऐसा भी नहीं हो पाया. उसके बाद उन्होंने हैदराबाद के कॉलेज से एमबीए की पढाई पूरी की. उन्हें पढ़ाई के दौरान ही स्कॉलरशिप भी मिल गई और एमबीए के बाद इन्वेंट बैंकिंग में करियर बनाने की सोची.

2007 में मिली बढ़िया सैलरी की जॉब

साल 2007 में उन्हें स्विट्जरलैंड की एक कंपनी के मुंबई ऑफिस में नौकरी भी मिल गई. कुछ समय उन्होंने कोटक इन्वेस्टमेंट बैंक में भी जॉब की लेकिन उन्हें समझ आ गया था कि वह अब सिर्फ नौकरी तक ही रह सीमित नहीं रहेंगे बल्कि किसी अपने काम में हाथ आजमाएंगे.

साल 2017 में उन्हें जब कंपनी द्वारा 50 लाख सालाना का पैकेज दिया जा रहा था, फिर भी उन्होंने अपना काम शुरू करने के लिए उस नौकरी को भी छोड़ दिया और अपने दोस्त अनुराग मिश्रा के साथ फूड इंडस्ट्री व कैटरिंग के बिजनेस में कदम रख दिया. दोनों ने मिलकर ‘कैटर इंडिया’ कंपनी की शुरुआत कर डाली.

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अपनाया इस बिज़नेस मॉडल को

अनूप बताते हैं कि हर भारतीय परिवारों में फंक्शंस होते रहते हैं, जिनमें हजारों लाखों का खर्चा हो जाता है. इसी कांसेप्ट को हमने अपने बिजनेस के लिए चुना. आज उनकी कंपनी caterninja भारत का पहला और अनोखा डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसमें कैटरिंग एज ए सर्विस उपलब्ध करवाई जाती है. हालांकि शुरुआती दौर में उन्हें फंड के लिए भी काफी परेशानी हुई, लेकिन साल 2020 में टाटा कैपिटल ने उनकी कंपनी में 60 लाख का निवेश कर दिया. परेशानियां फिर भी कम नहीं हुई और अगले ही साल लॉकडाउन लग गया, जिससे उनका बिजनेस बिल्कुल थम सा गया.

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अब दे रहे औरों को भी रोजगार

अगले साल 2021 में 10 आर्डर प्रतिदिन से उन्होंने फिर से काम शुरू किया. आज आलम यह है कि दिल्ली- एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद और चेन्नई में उनकी कंपनी हजारों ऑर्डर्स डिलीवर कर रही है. वह खुद आज एक सफल बिजनेसमैन के तौर पर तो जाने ही जाते हैं, साथ ही वह बाकी लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं. उनका मानना है कि नौकरी ही अब सब कुछ नहीं है, अगर कोई करना चाहे तो आज के समय में करने के लिए बहुत सारे काम हैं.

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