नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट द्वारा पराली जलाए जाने के मामलों में उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा न चलाए जाने को लेकर पंजाब और हरियाणा सरकारों को फटकार लगाते हुए दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को 23 अक्टूबर तक स्पष्टीकरण के साथ समक्ष होने के निर्देश दिए. बुधवार को न्यायमूर्ति अभय एस ओका, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ ठोस कार्यवाही न करने पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को दोनों सरकारों के अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए.
नहीं है ये राजनितिक मामला- पीठ
पीठ ने कहा, ‘‘यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है. अगर मुख्य सचिव किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं, तो हम उनके खिलाफ भी समन जारी करेंगे. अगले बुधवार को हम मुख्य सचिव को बुलाकर सारी बातें पूछेंगे. कुछ नहीं किया गया है, पंजाब सरकार ने भी ऐसा ही किया. यह रवैया पूरी तरह से अवहेलना करने का है.’’
पंजाब सरकार को भी लगाई फटकार
पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछले तीन सालों में यहाँ पराली जलाने का एक भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है किसानों को ट्रैक्टर उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा केंद्र से धनराशि मांगने का भी प्रयास नहीं हुआ है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली में हो रहे वायु प्रदूषण को रोकने में असफल रहने पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीएक्यूएम को भी फटकार लगाई गई थी और सीएक्यूएम की तुलना बिना दांत वाले बाघ से की थी.
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