नई दिल्ली | 5 मई को 4,750 केंद्रों पर NEET परीक्षा का आयोजन हुआ था. परीक्षा का परिणाम जारी होते ही यह परीक्षा विवादों से घिर गई. आपको बता दें कि देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा एनईईटी- यूजी परीक्षा आयोजित की जाती है. इस परीक्षा में लगभग 24 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने NTA और सरकार को भेजा नोटिस
परिणाम 14 जून को घोषित होने की संभावना थी, मगर 4 जून को घोषित कर दिया गया, क्योंकि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले ही पूरा हो गया था. एनईईटी- यूजी (NEET-UG) पर बढ़ते विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोपों की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर केंद्र और एनटीए से जवाब तलब किया है. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाश पीठ, हितेन सिंह कश्यप की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
1563 उम्मीदवारों को दिए गए अंक किए रद्द
हितेन सिंह कश्यप ने इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और बिहार सरकार से दो हफ्ते के अंदर जवाब की मांग की है. इसमें बताया गया है कि अन्य लंबित जनहित याचिकाओं पर आठ जुलाई को विचार किया जाएगा, जब शीर्ष अदालत गर्मी की छुट्टियों के बाद काम करेगी. केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को कहा था कि उन्होंने एमबीबीएस और ऐसे अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा देने वाले 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए अंक कैंसिल कर दिए हैं.
23 जून को फिर से आयोजित होगी परीक्षा
केंद्र का कहना था कि उनके पास या तो फिर से परीक्षा देने या समय की हानि के लिए उन्हें दिए गए क्षतिपूर्ति अंक वापस लेने का ऑप्शन उपलब्ध होगा. नोटिस में कहा गया है कि NEET रिजल्ट में ग्रेस मार्क्स पाने वाले 1,563 कैंडिडेटस की परीक्षा 23 जून को फिर से आयोजित की जाएगी. नीट परीक्षा में बिहार जैसे राज्यों में प्रश्न पत्र लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं. आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और 7 मामले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दायर किये गये.
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