नई दिल्ली | बैंकों से धोखाधड़ी मामले में भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को 4 साल की कैद और 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस यूयू ललित, रवींद्र एस भट और पीएस नरसिम्हा की बेंच ने साथ ही माल्या से 8 प्रतिशत ब्याज दर के साथ 4 करोड़ डॉलर (40 मिलियन) की राशि एक महीने के भीतर जमा करने का आदेश भी दिया है.
माल्या की पुनर्विचार याचिका की थी खारिज
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए माल्या द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका 2020 में खारिज कर दी थी. माल्या के वकील ने 10 मार्च को कहा था कि ब्रिटेन में रह रहे उनके मुवक्किल से कोई निर्देश नहीं मिल सका है, इसलिए वह पंगु हैं और अवमानना के मामले में दी जाने वाली सजा की अवधि को लेकर उनका (माल्या का) पक्ष रख पाने में असहाय हैं.
मई, 2017 में दर्ज हुआ था मामला
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को 9 मई 2017 को कोर्ट के आदेश की अवमानना करने का आरोपी ठहराया था. माल्या पर 2017 में कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए अपने बच्चों के अकाउंट में चार करोड़ डॉलर ट्रांसफर करने का आरोप है. सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई बैंक की याचिका पर सुनवाई करते हुए फंड ट्रांसफर पर रोक लगाई थी.
अवमानना के मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने 10 मार्च को अपना फैसला सुरक्षित रखा था. मामले में पीठ की सहायता करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता ने बताया कि माल्या को दो मामलों में दोषी करार दिया गया है.
• डियाजियो डील से मिले 4 करोड़ डॉलर बच्चों के अकाउंट में किए थे ट्रांसफर
• संपत्ति का खुलासा नहीं करने के दोषी पाए गए थे माल्या
• किंगफिशर एयरलाइन से जुड़े 9,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण घोटाले में शामिल होने का आरोप
• कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा पारित संयम के अभिव्यंजक आदेशों का किया था उल्लंघन
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