नई दिल्ली । दिल्ली की ऐतिहासिक प्राचीन धरोहर लालकिले की इमारत पर एक महिला ने मालिकाना हक जताया है. देश की जिस ऐतिहासिक प्राचीर से हर साल देश का प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराता हों ,उस इमारत पर किसी का इस तरह दावा करना निश्चित तौर पर चर्चा का विषय तो बन ही जाता है. महिला ने इस पर अपना हक जताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी.
महिला ने दावा किया था कि वह मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के प्रपौत्र की विधवा हैं.इसलिए वह परिवार की कानूनी वारिस होने के नाते लाल किले पर मालिकाना हक रखती हैं. इस याचिका में महिला ने खुद को लाल किले की कानूनी वारिस बताया है. अदालत ने महिला की याचिका पर विचार करने के बाद उस याचिका को खारिज कर दिया.
याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की एकल पीठ ने कहा कि 150 से अधिक वर्षों बाद अदालत का दरवाजा खटखटाया है और इसका कोई औचित्य नहीं है. इस तरह अदालत ने महिला के रोचक दावे को खारिज कर दिया. याचिकाकर्ता सुल्ताना बेगम ने कहा कि वह बहादुर शाह जफर के पड़पौत्र मिर्जा मोहम्मद बेदार बख्त की पत्नी हैं, जिनकी 22 मई 1980 को मौत हो गई थी.
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