नई दिल्ली | भारतीय रेलवे की पहचान दुनिया में चौथे और एशिया में दूसरे सबसे बड़े रेल नेटवर्क के रूप में होती है. यहां ट्रेनों की संख्या का आंकड़ा हजारों में है. यहां कई ट्रेनें अपनी विशेष खूबियों की वजह से दुनिया भर में मशहूर है. ऐसी ही एक ट्रेन का हम यहां जिक्र करने जा रहे हैं जिसका इतिहास 110 साल पुराना है. 110 साल से यह ट्रेन आज भी उसी लय से यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचा रही है. इन सालों के दौरान ट्रेन की सर्विस में सुधार होता रहा. आईए जानते हैं इस खास ट्रेन के बारे में…
1912 में शुरू हुई थी यह ट्रेन
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश की सबसे पुरानी ट्रेन का नाम पंजाब मेल ट्रेन है और इसकी शुरुआत 1 जून 1912 को हुई थी. तब से आज तक यह ट्रेन पटरियों पर ऐसे ही रफ्तार भर रही है. हालांकि कोविड काल के दौरान कुछ वक्त के लिए इस ट्रेन के पहिए ज़रूर थम गए थे.
केवल अंग्रेजी अफसर को सफर करने की थी इजाजत
हालांकि जब यह ट्रेन शुरू हुई थी तब भारत में ब्रिटिश हुकूमत शासन करती थी और उस समय इस ट्रेन में केवल ब्रिटिश अधिकारियों और कर्मचारियों को भी सफर करने की इजाजत थी लेकिन साल 1930 में इस ट्रेन में सफर करने के लिए आमजन को भी अनुमति दे दी गई थी. उस समय यह ट्रेन कोयले से चलती थी और मुंबई से पेशावर तक की 2496 किलोमीटर की दूरी 47 घंटे में तय करती थी. बता दें कि 1947 में भारत- पाकिस्तान का विभाजन होने के बाद इस ट्रेन के रूट को छोटा कर दिया गया और अब यह मुंबई से पंजाब के फिरोजपुर तक का सफर तय करती है.
110 किलोमीटर की रफ्तार से चलती है ट्रेन
पिछले महीने ही इस ट्रेन ने अपने जीवनकाल के 110 वर्ष पूरे किए हैं. लेकिन आज भी इस ट्रेन की रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटा है. अंग्रेज़ शासन काल के दौरान शुरू हुई यह ट्रेन उस समय मुंबई के बंदरगाह पर स्थित बलार्ड पायर मोल स्टेशन से पेशावर तक का सफर तय करती थी. ये इकलौती ऐसी ट्रेन थी जो पेशावर से लोगों को मुंबई तक पहुंचाती थी.
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