नई दिल्ली | देशभर में वित्त वर्ष 2022- 23 या आकलन वर्ष 2023- 24 के लिए नो- ऑडिट ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2023 है. वेतनभोगी और व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आज आखिरी मौका है. अगर आप तय समय सीमा तक ITR फाइल नहीं करते हैं तो आपको कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
पहला नुक़सान: आय 5 लाख है तो लगेंगे 1 हजार एक्ट्रा
अगर आप अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने की 31 जुलाई की समय सीमा चूक भी जाते हैं, तो भी आप 31 दिसंबर 2023 तक रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. 1 हजार रुपये से 5 हजार रुपये तक विलंब शुल्क का भुगतान करें. आयकर अधिनियम 1961 की धारा 234 F के मुताबिक, विलंबित ITR दाखिल करने के लिए 5 हजार रुपये, यदि कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक है और विलंबित ITR दाखिल करने के लिए 1 हज़ार रुपये है. जिनकी आय 5 लाख रुपये से कम है, उन्हें शुल्क देना होगा.
दूसरा नुक़सान: देना होगा साधारण ब्याज
लेट शुल्क के अलावा यदि आपके हिस्से पर कर बकाया है तो भुगतान होने तक देय राशि पर अतिरिक्त ब्याज लिया जाएगा. आयकर अधिनियम 1961 की धारा 234 A के मुताबिक, करदाता को नियत तारीख यानी 31 जुलाई के तुरंत बाद की तारीख से शुरू होने वाले प्रत्येक महीने या महीने के कुछ हिस्से के लिए 1 प्रतिशत की दर से साधारण ब्याज का भुगतान करना होगा.
तीसरा नुक़सान: हो सकते हैं कई प्रकार के नुक़सान
जुर्माना और ब्याज हानि के अलावा देर से रिटर्न दाखिल करने से जुड़ी अतिरिक्त सीमाएं हैं. करदाताओं को निर्धारित तिथियों के भीतर कर रिटर्न दाखिल न करने के कारण कुछ कटौतियों के लाभ का दावा करने या गृह संपत्ति के नुकसान के अलावा अन्य नुकसान को समायोजित करने और आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
चौथा नुक़सान: लग सकते हैं चोरी के आरोप
रिटर्न दाखिल नहीं करने की स्थिति में आयकर अधिकारी मान लेंगे कि मकसद कर चोरी था. आयकर अधिनियम की धारा 276CC के नियमों के अनुसार, आयकर रिटर्न दाखिल करने में विफल रहने पर आपको 6 महीने से 7 साल तक की सजा हो सकती है.
डिस्क्लेमर: कृपया अपने सीए से अवश्य सलाह ले.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!