नई दिल्ली | आधुनिकता के इस युग में इंटरनेट और कॉलिंग बुनियादी जरूरत बन चुकी है. सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना हो या फिर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीदारी से लेकर खाना ऑर्डर करना हो, सब जगहों पर इंटरनेट और मोबाइल कॉलिंग की जरूरत पड़ने लगी है. ऐसे दौर में कई सरकारें अपने नागरिकों को जरूरी सेवाओं के तौर पर मुफ्त और इंटरनेट पर सब्सिडी भी उपलब्ध करा रही हैं.
कहां से आया मुफ्त इंटनरेट का कॉन्सेप्ट?
विश्व के विकसित देशों में अग्रणी अमेरिका में सबसे पहले मुफ्त इंटरनेट की शुरुआत हुई थी. यहां एक योजना के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त इंटरनेट की सुविधा का लाभ मिल रहा है. साथ ही, आमदनी के हिसाब से यहां के नागरिकों को इंटरनेट पर सब्सिडी भी दी जा रही है. इसके लिए उन्हें कुछ शर्तों को पूरा करना होता है.
भारत में ऐसी शुरुआत की कितनी संभावना
अमेरिका की तर्ज पर भारत में भी मुफ्त इंटरनेट की शुरुआत होने की संभावना जताई जा रही है. टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की ओर से गरीब परिवारों को मुफ्त इंटरनेट देने का सुझाव भारत सरकार को दिया गया है. लोगों को तेज रफ्तार इंटरनेट के तहत न्यूनतम स्पीड 2 Mbps रखने का नियम जारी रखने की सिफारिश की गई है.
ठंडे बस्ते में है योजना
TRAI की इस सिफारिश पर भारत सरकार की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. फिलहाल, टेलिकॉम ऑथोरिटी की यह योजना ठंडे बस्ते में है क्योंकि देशभर में लंबे समय से फ्री और सब्सिडी के मुद्दे पर बवाल मचा हुआ है. दिल्ली में केजरीवाल सरकार और कांग्रेस शासित राज्यों में फ्री बिजली और पानी दिया जा रहा है जिससे सरकार के खजाने पर बोझ पड़ रहा है. वही, कोरोना काल से ही देशभर में गरीब परिवारों को मुफ्त में राशन वितरित किया जा रहा है, जिसके लिए केन्द्र सरकार को भारी खर्च वहन करना पड़ रहा है.
200 रूपए सब्सिडी की योजना
TRAI ने भारत सरकार से सिफारिश की थी कि सभी गरीब परिवारों को ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्टिविटी पर 200 रुपये तक की सब्सिडी ऑफर की जाएगी और यह योजना केवल ग्रामीण इलाकों के लिए होगी. इंटरनेट पर सब्सिडी की यह रकम सीधे लोगों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी.
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