अग्निपथ योजना: गृह मंत्रालय ने युवाओं के हक में लिए कई बड़े फैसले, लाखों युवा होगें लाभान्वित

नई दिल्ली | केन्द्र सरकार की नई अग्निपथ योजना के तहत होने वाली सेना भर्ती को लेकर देशभर में चौतरफा विरोध और हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए गृह मंत्रालय ने शनिवार को कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में होने वाली भर्तियों में अग्निपथ योजना के तहत चार साल की नौकरी पूरी करने वाले अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत सीटों को आरक्षित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. साथ ही गृह मंत्रालय ने CAPFs और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में भी तीन वर्ष की छूट देने का फैसला लिया है और अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट 5 वर्ष होगी.

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कोविड के चलते सेना में भर्ती प्रक्रिया पर असर

इससे पहले केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जानकारी देते हुए कहा था कि कोविड-19 के चलते सेना भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हुई थी. इसको ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अग्निपथ योजना में उन युवाओं की चिंता करते हुए पहले वर्ष उम्र सीमा में दो वर्ष की रियायत देकर उसे 21 साल से 23 साल करने का संवेदनशील निर्णय लिया है. पीएम मोदी के इस फैसले से उन लाखों युवाओं को फायदा पहुंचेगा जो सेना भर्ती न होने की वजह से ओवरएज हो गए थे.

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क्या है अग्निपथ योजना

केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई अग्निपथ स्कीम में युवाओं को चार साल के लिए अग्निवीर के तौर पर सेना में भर्ती होंगे. इस योजना के तहत छह माह की ट्रेनिंग समेत 4 सालों के लिए युवाओं को देश सेवा का मौका मिलेगा. ये अग्निवीर सशस्त्र बलों को अपनी सेवाएं देंगे. शिक्षा मंत्रालय व रक्षा मंत्रालय ने मिलकर इस योजना को तैयार किया है, इसलिए अग्निवीर यदि चाहें तो देश की सेवा के साथ अपनी पढ़ाई भी जारी रख सकेंगे. इसके तहत अग्निवीर अपनी पढ़ाई को इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग के जरिए जारी रखेंगे.

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