नई दिल्ली । सोमवार को गुवाहाटी दौरें पर पहुंचे केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जनगणना को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बताया कि अगली जनगणना ई- जनगणना होगी, जो अगले 25 साल के लिए विकास संबंधी नीतियों को आकार देगी. शाह ने कहा कि 2024 तक देश में सभी जन्म और मृत्यु को जनगणना से जोड़ दिया जाएगा जो अपने आप अपडेट होता रहेगा. कोविड-19 महामारी के चलते जनगणना प्रक्रिया में देरी हुई है.
जनगणना प्रक्रिया का डिजिटलीकरण किया गया
गुवाहाटी दौरें पर अमिनगांव में जनगणना कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 100 प्रतिशत सटीक गणना सुनिश्चित करने के लिए जनगणना प्रक्रिया का डिजिटलीकरण किया गया है. कई पहलुओं के चलते जनगणना जरूरी है. आबादी को लेकर संवेदनशील असम जैसे राज्यों के लिए तो यह और भी अहम भूमिका अदा करेगी.
लोग खुद भर सकेंगे अपना डाटा
अमित शाह ने कहा कि जनगणना को नए नजरिये से देखना समय की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ई-जनगणना की कुछ चुनौतियां हैं तो इसके फायदे भी हैं. करीब 50 फीसदी लोग खुद से ही अपना डाटा भर सकेंगे. वह खुद भी अपने परिवार के सदस्यों का डाटा ई-फार्म के रूप में भरेंगे.
नाम / पता परिवर्तन आसान होगा
केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि 2024 तक हर जन्म और मृत्यु को ई- जनगणना के जरिए पंजीकृत किया जाएगा, यानि हमारी जनगणना अपने आप अपडेट होती रहेगी. जन्म के बाद विवरण जनगणना रजिस्टर में जोड़ा जाएगा, 18 वर्ष के होने के बाद नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा और मृत्यु के बाद नाम हटा दिया जाएगा. नाम/पता परिवर्तन करना भी आसान हो जाएगा.
सटीक जनगणना से कई समस्याओं का समाधान
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि सटीक जनगणना से ही देश में समस्याओं के समाधान के लिए सही प्लानिंग हो सकती है. अगर बजट की प्लानिंग जनगणना द्वारा रेखांकित विकास के नक्शे के आधार पर हो तो समस्याओं का समाधान अपने आप हो जाएगा. उन्होंने बताया कि आधुनिक तकनीक से जनगणना को और सटीक, वैज्ञानिक व बहुआयामी बनाया जाएगा. डिजिटल जनगणना देश के विकास में नए आयाम स्थापित करेगी.
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