नई दिल्ली | केन्द्र सरकार द्वारा फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी (MSP) को प्रभावी बनाने तथा खेती से जुड़े अन्य विषयों को लेकर बनाई गई कमेटी पर मचा बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. इस कमेटी के गठन पर संयुक्त किसान मोर्चा ने असंतुष्टि जाहिर की है और इसके बहिष्कार का ऐलान कर दिया है. संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने साफ कर दिया है कि उसके प्रतिनिधि एमएसपी कमेटी में शामिल नहीं होंगे.
बता दें कि मोदी सरकार द्वारा गठित एमएसपी कानून पर बनी कमेटी के लिए जारी नोटिफिकेशन में संयुक्त किसान मोर्चा के तीन सदस्यों के लिए जगह छोड़ी गई थी. कुछ महीने पहले सरकार ने एमएसपी कमेटी के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से तीन नाम देने को कहा था लेकिन एसकेएम ने पहले सरकार से कमेटी की रूपरेखा की जानकारी मांगते हुए नाम देने से इंकार कर दिया था.
केन्द्र सरकार द्वारा गठित एमएसपी कमेटी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एसकेएम के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हमारे प्रतिनिधि इस कमेटी में शामिल नहीं होंगे और संयुक्त किसान मोर्चा इस कमेटी को खारिज करते हुए पूर्ण रूप से इसका बहिष्कार करता है. उन्होंने कहा कि इस कमेटी का अध्यक्ष पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल को बनाया गया है , जिन्होंने तीन नए कृषि कानून बनाए थे.
योगेन्द्र यादव ने कहा कि कमेटी में अर्थशास्त्री के नाम पर नए कृषि कानूनों के समर्थकों को शामिल किया गया है. किसान संगठनों के नाम पर इस कमेटी में किसान आंदोलन के दुश्मनों और बीजेपी, आरएसएस के चाटुकार लोगों को लाया गया है. यहां सबसे बड़ी बात यह है कि इस कमेटी के टर्म्स ऑफ रिफरेंस यानि दायरे में विचार भी नहीं हो सकता कि क्या एमएसपी पर कानून बनना चाहिए तो ऐसी कमेटी में शामिल होने से फिर फायदा भी क्या होने वाला है.
नवंबर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन की तैयारी
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हमने इसी वजह से एसकेएम के प्रतिनिधियों के नाम देने से पहले कमेटी का ब्यौरा मांगा था. एसकेएम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखकर एमएसपी कमेटी पर अपनी आपत्ति जाहिर की है. उन्होंने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा नवंबर महीने से राष्ट्रव्यापी आंदोलन की तैयारी कर रहा है.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!