नई दिल्ली | वोटर लिस्ट को आधार कार्ड से लिंक करने की योजना को अमलीजामा पहनाने की तैयारियां तेज हो गई है. निर्वाचन आयोग ने इन तैयारियों को लेकर बताया कि एक अगस्त से 31 दिसंबर तक अभियान चलाया जाएगा जिसमें निर्वाचक नामावली में शामिल हर वोटर कार्ड से आधार नंबर लिया जाएगा और इसे आधार से लिंक किया जाएगा.
निर्वाचन आयोग ने बताया कि अप्रैल 2023 तक इस प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. सभी मतदाताओं तक पहुंच कर उनका आधार कार्ड नंबर लिया जाएगा. एक बार मतदाताओं के नाम आधार नंबर से जुड़ जाने के बाद मतदाता सूची में कोई डुप्लीकेट नाम नहीं रहेगा. इससे वोटिंग के दौरान होने वाली गड़बड़ी पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा.
ऐच्छिक होगा आधार कार्ड देना
निर्वाचन आयोग ने बताया कि आधार कार्ड नंबर देने के लिए वोटर पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला जाएगा. यह पूरी तरह से मतदाता की इच्छा पर निर्भर करेगा. हालांकि जो मतदाता आधार कार्ड नंबर नहीं देते है, उससे इस बात का शपथ पत्र लिया जाएगा कि उनके पास आधार कार्ड उपलब्ध नहीं है. ऐसी स्थिति में ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट सहित 11 दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज देना होगा.
घर- घर जाएंगे बीएलओ
आधार कार्ड नंबर लेने की ड्यूटी बीएलओ की रहेगी,जो घर- घर जाकर मतदाताओं से आधार कार्ड नंबर देने की अपील करेंगे. नए प्रारूप में आ रहे फार्म 6-B पर वे आधार कार्ड का नंबर दर्ज करेंगे. नंबर लेने के एक सप्ताह के भीतर मतदाता के नाम के साथ आधार कार्ड के नंबर को लिंक करना होगा. मतदाता चाहें तो ऑनलाइन भी अपना आधार नंबर दे सकते हैं. इसके लिए फार्म 6-B आनलाइन भी उपलब्ध रहेगा. अपने नजदीकी सीएससी सेंटर के माध्यम से भी यह कार्य किया जा सकेगा. आधार कार्ड के नंबर एकत्रित करने के लिए समय-समय पर शिविर लगाए जाएंगे. पहला शिविर चार सितंबर को लगाने की योजना है.
यह हैं आधार से लिंक करने का उद्देश्य
सहायक निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि निर्वाचक नामावली के सभी नाम आधार से लिंक होने के बाद एक से अधिक विधानसभा या लोकसभा क्षेत्रों में कोई व्यक्ति मतदाता नहीं रह सकेगा. इसके साथ ही एक विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र में एक से अधिक स्थान पर भी नाम रखना भी संभव नहीं होगा.
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