नई दिल्ली । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने देशवासियों को कहा कि कोरोना वैक्सीन की खुराक जनवरी में मिलने की उम्मीद है. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि एक दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्यूमेंट जारी कर टीकाकरण के बारे में लोगों के सवालों के जवाब दिए थे.
जनवरी माह तक लगाए जाएंगे, कोरोना वैक्सीन के टीके
समाचार एजेंसी एएनआई ने हर्षवर्धन के हवाले से कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता यह है कि वैक्सीन सुरक्षित व प्रभावशाली होनी चाहिए. हम इससे समझौता नहीं कर सकते. मुझे निजी तौर पर लगता है कि जनवरी महीने के किसी सप्ताह में हमें ऐसी स्थिति में होंगे, कि भारत के लोगों को करो ना वैक्सीन की पहली खुराक मिले. भारतीय औषधि महानियंत्रक के मुताबिक कोविड-19 के चार्ट इको का क्लीनिकल परीक्षण चल रहा है.
जब सुरक्षा के आंकड़े अनुकूल पाए जाएंगे, तब इस विषय में समिति इनकी समीक्षा करेगी.इसके बाद इसे मंजूरी देने पर निर्णय लिया जाएगा. आरंभिक चरण में कोविड-19 के टीके स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले प्राथमिकता समूह को दिए जाएंगे. पीके की उपलब्धता के आधार पर 50 से ज्यादा उम्र वाले को भी इसकी खुराक दी जाएगी.
विशेषज्ञ द्वारा जांच की जा रही है, समय सीमा पर कोई असर नहीं
चयनित लोगों को टीकाकरण और उसके समय के बारे में उनके मोबाइल नंबर पर सूचना दी जाएगी. केंद्र ने 15 दिसंबर को कहा था कि भारत बायोटेक, सिरम इंस्टीट्यूट और फाइजर के कोविड-19 टीको के लिए आकस्मिक उपयोग मंजूरी की खातिर उनके आवेदनों पर गौर किया जा रहा है और दवा नियामक डीजीसीआई द्वारा इन कंपनियों से अधिक आंकड़ों की मांग करने से टीकाकरण समय सीमा पर असर नहीं पड़ेगा. नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा कि भारतीय औषधि महानियंत्रक को दिए गए, इन आवेदनों पर विशेषज्ञों की संबंधित समिति द्वारा गौर किया जा रहा है.
इस बात पर विशेष जोर दिया जा रहा है कि टीका सुरक्षित है या नहीं
उन्होंने कहा कि आवेदनों को वैज्ञानिक आधार देखा जाएगा और इस बात पर जोर दिया जाएगा कि टीका सुरक्षित है या नहीं. टीका लोगों में कोविड-19 बीमारी की घटनाओं को कम करने के लिए पर्याप्त और प्रभावी हो. यह स्वतंत्र प्रक्रिया है और चल रही है. पॉल ने कहा मैं यह रेखांकित करना चाहूंगा कि जब हम इन प्रक्रियाओं के बारे में बात करते हैं, तो यह कोई व्यक्तिगत या तीन लोगों से संबंधित नहीं है. यह ऐसे लोग हैं जो वैज्ञानिक महामारी विज्ञान चिकित्सक जीव विज्ञान आदि से संबंधित है. बे विज्ञान के आधार पर ही फैसला करते हैं.
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