किराए पर रहने वालों को GST देनी होगी या नहीं, यहां जानें नया नियम

नई दिल्ली | किराए पर रहने वालों को देना होगा जीएसटी (GST) या नहीं, इसको लेकर सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं. पिछले महीने हुई बैठक में जीएसटी नियमों में कई बदलाव किए गए. बता दें कि ये बदलाव 18 जुलाई से लागू हो गए हैं. इससे पहले 13 जुलाई को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था. तब लोगों के बीच यह स्पष्ट नहीं था कि किरायेदार को कब और किस स्थिति में जीएसटी देना होगा. अब हम आपको इससे जुड़े तमाम सवालों के जवाब बता रहे हैं.

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प्रश्न: जीएसटी क्या है?

उत्तर: जीएसटी का अर्थ है गुड्स एव सर्विस टैक्स. हिंदी में इसका अर्थ है- वस्तु एवं सेवा कर. किसी भी सामान की खरीद या किसी सेवा की खरीद पर जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है. भारत में जीएसटी 1 जुलाई 2017 से लागू है.

सवाल: कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि सभी किराएदारों को 18% जीएसटी देना होगा, क्या यह सच है?

जवाब: पीआईबी की फैक्ट चेकिंग शाखा यानी प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने इस मामले को लेकर एक ट्वीट किया है. जिसमें कहा गया है कि ऐसी खबरें झूठी हैं. इसके जरिए लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन कुछ स्थितियों में किराएदारों को जीएसटी देना होगा.

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प्रश्न: यदि मकान मालिक जीएसटी पंजीकृत नहीं है और अपना घर किराए पर जीएसटी पंजीकृत व्यक्ति को देता है, तो नियम क्या कहता है?

उत्तर: नए नियमों के मुताबिक अगर कोई अपंजीकृत व्यक्ति यानी जॉब वर्कर या छोटा बिजनेसमैन किसी रजिस्टर्ड व्यक्ति (जैसे कंपनी) को जीएसटी के तहत अपना घर देता है तो किराए पर जीएसटी लगेगा. इसका मतलब है कि रिवर्स मैकेनिज्म के तहत किराएदार को किराए पर 18 फीसदी जीएसटी देना होगा.

नोट: कर नियमों के अनुसार व्यक्ति का अर्थ केवल कोई व्यक्ति नहीं है. बल्कि यह एक व्यापक शब्द है और इसमें कंपनियों के साथ-साथ सभी कानूनी संस्थाएं भी शामिल हैं.

कई मामलों में देखा गया है कि इससे भी कम टर्नओवर वाले लोगों ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराया है. ऐसा इसलिए है क्योंकि यह उनके ग्राहकों या ग्राहकों को आपूर्ति श्रृंखला में इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने की अनुमति देता है.

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अब आप सोच रहे होंगे कि यह इनपुट टैक्स क्रेडिट क्या है. आइए इसे भी समझते हैं. दरअसल, जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट एक ऐसी प्रणाली को संदर्भित करता है जिसमें आपको पहले कहीं भुगतान किए गए जीएसटी के बदले क्रेडिट मिलता है. यानी अगर आपको बाद में जीएसटी चुकाना पड़े तो भी आप पैसे के बदले इन क्रेडिट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. इन क्रेडिट की मदद से टैक्स कम किया जाता है. आपको एक उत्पाद के व्यवसाय पर बार-बार कर चुकाने का भार नहीं उठाना पड़ता है.

सवाल: अगर मकान मालिक और किराएदार दोनों जीएसटी रजिस्टर्ड नहीं हैं तो किराए पर जीएसटी का यह नियम लागू होगा या नहीं?

उत्तर: ऐसे में किराए पर जीएसटी का नया नियम लागू नहीं होगा.

प्रश्न: यदि कोई कंपनी अपने किसी कर्मचारी के लिए फ्लैट किराए पर देती है और मकान मालिक जीएसटी पंजीकृत नहीं है, तो कितना जीएसटी देना होगा?

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उत्तर: यदि कर्मचारी किराए के फ्लैट में रहता है और कंपनी उसका पूरा किराया नहीं देती है, तो किराए पर जीएसटी नहीं लगेगा.

नए नियम में किराए के अलावा किन चीजों पर लागू है जीएसटी

  • पहले से पैक, लेबल वाले अनाज, दालें और आटे को पहली बार जीएसटी के दायरे में लाया गया है. खुले में इनकी बिक्री पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा.
  • सजावट, बैंड, फोटो-वीडियो, शादी के कार्ड, घुड़सवार गाड़ियां, ब्यूटी पार्लर और लाइटिंग पर भी 18% जीएसटी लगता है.
  • शादियों के लिए खरीदे गए कपड़ों और जूतों पर 5 से 12 फीसदी जीएसटी लगता है.
  • सोने के गहनों पर 3% जीएसटी लगता है. 3 लाख के आभूषणों की खरीद पर जीएसटी के रूप में 6 हजार रुपये देने होंगे.
  • बस-टैक्सी सेवा पर भी 5% जीएसटी लगता है.

डिस्क्लेमर: कंटेंट का ज्यादातर हिस्सा दैनिक भास्कर की प्रतिलिपि की मदद से लिखा गया है.

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