नई दिल्ली | केंद्र की मोदी सरकार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से देश के प्रमुख शहरों के बीच निर्बाध गति से ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए नए एक्सप्रेसवे और हाइवे का जाल बिछा रही है. इसी कड़ी में 210 km लंबे दिल्ली- देहरादून के बीच इकॉनोमिक कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है, जिसका काम अंतिम चरण में पहुंच चुका है.
ढाई घंटे में पूरा होगा सफर
बता दें दिल्ली से देहरादून के बीच की दूरी लगभग 250 किलोमीटर है. वर्तमान में इस सफर को तय करने में लगभग 6 घंटे का समय लगता है लेकिन ग्रीन कॉरिडोर के निर्माण से यह दूरी मात्र ढाई घंटे में तय हो सकेगी. NHAI ने ट्वीट कर बताया है कि कॉरिडोर का निर्माण किया तेजी से आगे बढ़ रहा है और इसे 2023 के आखिर तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है.
The upcoming 6-lane access-controlled greenfield economic corridor, spanning 210 km, is set to offer uninterrupted connectivity from #Delhi to #Dehradun. Here are some glimpses of its construction in full swing #NHAI #HighwaysofGrowth #BuildingANation pic.twitter.com/W6vet5jD7C
— NHAI (@NHAI_Official) December 13, 2023
धार्मिक नगरी हरिद्वार का सफर आसान होगा
इस कॉरिडोर के निर्माण से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों को सीधे तौर पर फायदा पहुंचेगा. खासकर यूपी के बड़े शहरों मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, मेरठ और बड़ौत को तो और अधिक फायदा मिलेगा. इन इलाकों से एक्सप्रेसवे गुजरने से दिल्ली से सीधी कनेक्टिविटी मजबूत होगी तो औद्योगिक दृष्टि से क्षेत्र का विकास होगा.
इसके अलावा, उत्तराखंड की धार्मिक नगरी हरिद्वार को भी नए एक्सप्रेसवे से काफी फायदा होगा. इस कॉरिडोर को दिल्ली से सहारनपुर के रास्ते देहरादून से कनेक्ट किया जाएगा. इसके निर्माण कार्य पर लगभग 13 हजार करोड़ रूपए की लागत राशि खर्च होगी.
जंगल के बीच से गुजरेगा एक्सप्रेसवे
इस कॉरिडोर का चौथा चरण उत्तराखंड के राजाजी नेशनल पार्क से देहरादून के बीच बनाया जा रहा है. इसके लिए जंगल के बीच एनिमल कॉरिडोर बनाने के साथ करीब 20 km की एलिवेटेड रोड़ तैयार की गई है. इतना ही नहीं, जंगल में 2 किलोमीटर की टनल भी बनाई गई है. वहीं, इस ग्रीन कॉरिडोर में बरसात के पानी को एकत्रित करने के लिए हर 500 मीटर की दूरी पर रेनवॉटर हार्वेस्टिंग का इंतजाम किया गया है. पूरे कॉरिडोर में करीब 400 रिचार्ज प्वाइंट बनाए गए हैं. इस कॉरिडोर पर एशिया का सबसे बड़ा वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर भी बनाया गया है.
इस कॉरिडोर के निर्माण से न सिर्फ दिल्ली, यूपी वालों के लिए मसूरी, देहरादून और हरिद्वार जाना आसान हो जाएगा, बल्कि पूरे क्षेत्र को आर्थिक रूप से विकास करने में मदद मिलेगी. लॉजिस्टिक को लेकर यह कॉरिडोर काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा. साथ ही, औद्योगिक विकास की दृष्टि से भी अहम भूमिका निभाएगा.
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