दिल्ली से नोएडा तक बिना ट्रैफिक सिग्नल के कर पाएंगे सफर, जमीन के लिए राजी हुए किसान

नई दिल्ली | राजधानी दिल्ली में ट्रैफिक जाम (Delhi Traffic) की समस्या अब विकराल रूप धारण कर चुकी है. इससे पीछा छुड़ाने के लिए सरकार द्वारा कई परियोजनाओं पर काम भी किया जा रहा है. इसी कोशिश में एक नाम बारापुरा फ्लाईओवर का भी है. इस परियोजना में 3 फ्लावर का निर्माण होना था, जिसमें से 2 पहले ही बनाएं जा चुके हैं. तीसरे चरण के तहत बाकी बचे मयूर विहार फेज़- 1 से सराय काले खां तक के हिस्से का काम पिछले 9 सालों से चल रहा है, लेकिन अभी भी 15% काम बाकी है.

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बारिश के बाद शुरू होगा निर्माण कार्य

इस परियोजना का काम अटकने का कारण यमुना नदी पर जमीन के दो टुकड़ों का अधिग्रहण न होना बताया जा रहा था, लेकिन अब बची हुई जमीन का अधिग्रहण हो चुका है. हालांकि, बारिश के चलते जमुना में जलस्तर बढ़ गया है, जिस कारण अभी निर्माण कार्य बंद है. मॉनसून सीजन खत्म होने के बाद इस पर दोबारा से काम शुरू कर दिया जाएगा.

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3 चरणों में पूरा होना था काम

बता दें कि इस परियोजना के तहत कुल 9.5 किलोमीटर लंबे इस फ्लाईओवर को 3 चरणों में पूरा किया जाना था. पहले चरण के तहत सराय काले खां से जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम तक 4 किलोमीटर हिस्सा 2010 में बना लिया गया था. वहीं, दूसरे चरण के तहत जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से आइएनए तक का करीब 2 किलोमीटर का हिस्सा 2015 में बना दिया गया था. बाकी फेज़ 3 के तहत बचा 3.5 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर का हिस्सा सराय काले खान से मयूर विहार तक का बनना बाकी है. इसे 2014 में शुरू कर दिया गया था, लेकिन अभी भी यह पूरा नहीं हो पाया है.

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अधिकारियों की लापरवाही से अटका काम

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस फ्लाईओवर का निर्माण अटकने का कारण अधिकारियों की लापरवाही बताया जा रहा है. बता दें कि जहां इस फ्लाईओवर का निर्माण होना है. उसका हिस्सा किसानों का था, लेकिन अधिकारियों ने इसे सरकारी जमीन मान लिया. तीसरे चरण के तहत, होने वाले निर्माण को जोड़ने के लिए 690 मीटर लंबे हिस्से की जमीन 2 किसानों की थी, जिसका अधिग्रहण अधिकारियों द्वारा नहीं किया गया. अब जाकर 11.18 लाख रुपए में इस जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है.

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फ्लाईओवर की यह बड़ी बाधा दूर हो चुकी है. जल्दी ही, इसका काम शुरू कर दिया जाएगा. इसके बनने के बाद यमुनापार से दक्षिणी दिल्ली तक का सफर सिग्नल फ्री हो जाएगा.

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