बहादुरगढ़ । अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति और आंदोलन में शामिल हरियाणा के विभिन्न किसान संगठनों ने टीकरी बॉर्डर पर दरियाव सिंह कश्यप की अध्यक्षता में एक सयुक्त बैठक आयोजित की, जिसमें किसान नेताओं ने फैसला लिया, कि संयुक्त किसान मोर्चा के सभी निर्णयों को लागू करने के लिए लगातार काम किया जाएगा. शनिवार 5 जून को कृषि कानूनों के जारी होने के एक साल पूरा होने पर सम्पूर्ण क्रांति दिवस मनाने का फैसला लिया गया.
पिछले कई महीनों से किसान दिल्ली के बॉर्डर पर टिके हुए हैं, उनका लक्ष्य तीन नए कृषि कानूनों को वापस करवाना है. वहीं सरकार का कहना है कि ये तीनों कानून किसानों के फायदे के लिए बनाए गए हैं, लेकिन किसान मानने के लिए तैयार ही नहीं हैं, किसान अपनी जिद्द पर अड़े हुए हैं, उनका कहना है कि हमारी मांगे मानी जाएंगी तो ही हमारी अपने राज्यों की ओर वापसी होगा, अन्यथा हम लगातार संघर्ष जारी रखेंगे. दिल्ली हिंसा के बाद बॉर्डर पर किसानों की संख्या में कमी दर्ज तो हुई थी, लेकिन राकेश टिकैत के आंसुओं ने एक बार फिर आंदोलन में जान डाल दी, हालांकि कोरोना के इस दौर में आंदोलन ठंडा पड़ गया है, लेकिन किसानों ने टीकरी बॉर्डर पर बैठक आयोजित कर, 5 जून को क्रांति दिवस मनाने का फैसला लिया है.
कामरेड इंद्रजीत सिंह ने बताया कि बैठक में भाजपा-जजपा सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों व सांसदों के कार्यालय के द्वार पर कानूनों की प्रतियां जलाए जाने की योजना बनाई है. उन्होंने बताया कि 5 जून 1975 को लोकनायक जय प्रकाश नारायण ने सम्पूर्ण क्रांति दिवस मनाने की घोषणा की थी. दिल्ली के बोर्डरों व टोल टैक्सों पर चल रहे किसान आंदोलन को मजबूती प्रदान करने के लिए कई खेत मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल हुए, और अपने-अपने सुझाव रखे. बैठक में तय किया गया कि भूमिहीन किसानों व खेत मजदूरों के मुद्दों को साथ में रखते हुए, गांव-गांव में बैठकें की जाएंगी. ताकि मजदूर तबके के लोगों को किसान आंदोलन में जोड़ा जा सके, और सरकार के विरुद्ध संघर्ष को मजबूत बनाया जा सके.
किसान नेताओ ने बताया कि कृषि उत्पादों के भंडारण के लिए कॉरपोरेट क्षेत्र के द्वारा बनाये गए विशाल भंडार और FCI द्वारा उन्हें महंगी दरों पर देना कालाबाजारी का ही एक कदम है. इस कदम से मंडियों का अनाज बंद हो जाएगा. यादव ने कहा कि इसी सवाल पर सयुंक्त किसान मोर्चा की आगामी बैठक चर्चा करके इनके प्रतिरोध की कार्ययोजना बनाई जाएगी, उन्होंने यह भी बताया कि बैठक में सभी की सहमति से यह योजना बनी है कि हरियाणा के सभी किसान संगठनों में एकता बने.
बता दें कि बैठक की शुरुआत में किसान आंदोलन के शहीदों को प्रोफेसर DR चौधरी, समाज सेवी, हरि सिंह दहिया, कृषि वैज्ञानिक महावीर नरवाल की मृत्यु पर शोक प्रकट किया है.
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