नूंह | दिल्ली सहित आसपास के राज्यों के लोगों को बहुत जल्द हरियाणा में जंगल सफारी के रोमांच का आनन्द उठाने का मौका मिलेगा. प्रदेश के नूंह और गुरूग्राम में दुनिया की सबसे बड़ी जंगल सफारी विकसित होगी. इससे जहां राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तो वहीं स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
10 हजार एकड़ भूमि पर होगा विकसित
नूंह उपायुक्त धीरेन्द्र खड़गटा ने बताया कि गुरूग्राम और नूंह में जंगल सफारी पार्क विकसित करने की तैयारियां जोरों- शोरों से चल रही है. यह पार्क 10 हजार एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा. जंगल सफारी पार्क के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है और बहुत जल्द इस संबंध में काम आगे बढ़ेगा.
सफारी पार्क बनने के ढेरों फायदे
जंगल सफारी पार्क बनने से न केवल अरावली पहाड़ियों में अवैध खनन पर रोक लगेगी बल्कि बेशकीमती जड़ी- बूटियों और पशुओं का संरक्षण करने में भी मदद मिलेगी. काला पहाड़ के नाम से मशहूर अरावली पर्वत की प्राकृतिक सुंदरता हर किसी के मन को मोह लेती है और खासकर बारिश के मौसम में तो यहां की हरियाली से खूबसूरती में चार- चांद लग जाते हैं. ऐसे में पार्क बनने से इसकी सुंदरता और अधिक बढ़ जाएगी.
वहीं, जंगल सफारी पार्क विकसित होने पर यहां बड़ी संख्या में देश- विदेश से पर्यटक घूमने के लिए पहुंचेंगे. इससे जहां इलाके का आर्थिक विकास रफ्तार पकड़ेगा तो वहीं हजारों लोगों के लिए प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर बनेंगे. इसके अलावा, सरकार की होम स्टे नीति से आसपास के कई गांवों को लाभ पहुंचेगा.
आपको बता दें कि अरावली पर्वतमाला को सांस्कृतिक विरासत के तौर पर भी देखा जा रहा है. यहां पक्षियों और जंगली जानवरों की विभिन्न प्रजातियां पाई जाती है. कुछ साल पहले किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार यहां पक्षियों की 180 प्रजातियां, स्तनधारियों की 15, जलीय जीवों और सरीसृपों की 29 तथा तितलियों की 57 प्रजातियां पाई गई थी.
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